एसडीएम की पाठशाला में शिक्षामित्र हो गए फेल,बच्चो का भविष्य खतरे में

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सलोन रायबरेली-प्राथमिक विद्यालय मटका में बच्चों के शिक्षा की राह आसान नही दिख रही है।यहां बच्चो के साथ साथ शिक्षा मित्र भी एसडीएम की पाठशाला में फेल हो गयी।यही नही शिक्षामित्र आठ का पहाडा नही सुना पाई, तो बच्चो को जबरन एसडीएम सर के सामने ये कबूल कराया जा रहा था कि बच्चो को सब आता है।लेकिन बच्चे डर गए है।वही स्कूल परिसर के एक भी शिक्षक द्वारा कोविड गाइड लाइन का पालन नही किया गया था।सलोन विकास क्षेत्र के ग्राम सभा मटका में स्थित प्राथमिक पाठशाला में एसडीएम दिव्या ओझा ने शुक्रवार को औचक निरीक्षण किया।निरीक्षण के दौरान उन्होंने जब बच्चो से एबीसीडी सुनाने को कहा तो सभी बच्चे नीचे सिर करके खड़े हो गये।
एसडीएम ने जब बच्चो की कॉपी चेक की तो उन्हें दाल में कुछ काला नजर आया।जिसके बाद उन्होंने विद्यालय में तैनात शिक्षा मित्र से आठ का पहाड़ा सुनाने के लिए कहा।शिक्षा मित्र ने आठ के पहाड़े में आठ चौक बत्तीस की जगह आठ चौक बहत्तर पढ़ कर बताया।तब जाकर उन्हें अहसास हुआ कि यहां पूरी दाल ही काली है।जहां के मास्टर टीचर को कुछ नही आता वहाँ बच्चो को भला क्या पढ़ाया जाएगा।

एसडीएम ने कारण पूछा तो प्रधानाध्यापक ने शासन की गाइड लाइन का हवाला दे दिया।एसडीएम ने प्रधानाध्यापक से पूछा कि बच्चो को एबीसीडी तो दूर की बात उन्हें पहाड़ा और क ख ग घ तक नही आता तो वो भी बच्चो की तरह सिर नीचे करके खड़े हो गए।उन्होंने प्रधानाध्यापक को फटकार लगाई कि आप लोग बच्चो को क्या पढा सकते है।जब आपके स्कूल के शिक्षा मिश्र को कुछ नही आता।इस दौरान एसडीएम ने सभी बच्चो प्यार करते हुए कहा कि आप लोग मन लगाकर पढ़ाई कीजिये।जिससे आप भी मेरी तरह एसडीएम बन सके और अपने माता पिता का नाम रोशन कर सके।उन्होंने मौजूद अध्यापको को आगाह किया कि लगभग एक माह बाद फिर विद्यालय आऊंगी तब तक इन बच्ची क ख ग व पहाड़ा पांच तक याद हो जाना चाहिये।

अनुज मौर्य/प्रदीप गुप्ता रिपोर्ट

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