और जब एक घण्टे तक जाम में फंसे रहे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस

224

ऊंचाहार (रायबरेली)। ऊंचाहार नगर के अन्तर्गत लखनऊ से प्रयागराज एनएच मार्ग पर 44ए रेलवे गेट है जिसका गेट बंद होने पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस का वाहन एक घण्टे के तकरीबन जाम मे फंसा रहा जिसमे रेलगाडी निकलने के बाद उनके वाहनो को आगे की ओर रवाना किया गया।

बताते चले कि ऊंचाहार नगर के 44 ए रेलवे गेट को ऊंचाहार से रायबरेली के लिए जाने वाली पैसेंजर गाडी व अन्य रेलगाडियों के क्रास करवाने को लेकर गेट बंद शुक्रवार की सांय किया गया। जिस दौरान प्रयागराज से लखनऊ की ओर हाईकोर्ट के चीफजस्टिस का निकलना था। जिसमे उनका काफिला वाहनों का आ गया।जिसके बाद चीफजस्टिस का वाहन समेत कई वीवीआईपी एक घण्टे तक जाम मे फंसे रहे, जिसमे रेलगाडियों के क्रास होने के बाद उनके वाहनों को आगे की ओर रवाना किया गया, जिसमे जाम लगने के पीछे कुछ और नही बल्कि गेट पर बन रहे ओवरब्रिज की संस्था की लापरवाही भी है क्योंकि कार्यदायी संस्था के द्वारा ओवरब्रिज के ढिलाई के कारण कार्य में गति नहीं लिया जा रहा है। बल्कि ओवरब्रिज में राख डाला गया लेकिन उसमे पानी का छिडकाव न होने पर आने जाने वाले राहगीरों व स्थानीय ग्रामीणों को राख उडने पर गंभीर टीवी आदि जैसी कई संक्रामक रोगों से पीडित होना पडा रहा है। जिसमे ग्रामीणों की माने तो ओवरब्रिज मे घटिया सामग्री का भी प्रयोग हो रहा है यदि उच्चस्तरीय प्रषासनिक जांच हो गई तो बडा घोटाला भी खुल सकता है। हालाकि ये मामला जांच का है। उधर हाईकोर्ट के चीफजस्टिस के फंसने पर ओवरब्रिज बनाने वाली कार्यदायी संस्था पर नकेल डीएम विभाग कस सकती है जिसकी चर्चाएं थी। हालांकि एसडीएम ने खुद को डिप्टी सीएम के प्रोग्राम मे व्यस्त होने को कहते हुए बाद मे प्रकरण के संदर्भ मे जांच करने की बात कही है।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

Previous articleएसडीएम की सख्ती से अतिक्रमण के मामले का हुआ पटाक्षेप
Next articleश्रमिकों को कार्य करते दौरान दबंगो ने पीटा