कस्बे के बीचों बीच चल रहा अवैध चमड़े का कारोबार

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कई बार ग्रामीणों की शिकायत के बाद भी नही हो सकी कार्यवाही

महराजगंज (रायबरेली)। योगी राज में जहां गोवंश हत्या पर सख्ती से रोक लगायी गयी है वहीं कस्बे के ठीक बीचों बीच मरे जानवरों की खाल का व्यापार तेजी से चल रहा है खुली छत वाले इस कमरे के कारण पूरे मोहल्ले में बदबू व बीमारियों का साम्राज्य स्थापित है। यह कोई नई बात नही है यह धन्धा विगत कई वर्षो से बदस्तूर जारी है। आस पास के लोगों को द्वारा कई बार शिकायत के बावजूद आज तक कोई कार्यवाही नही हो सकी है जिससे चमड़ा व्यापारियों के हौसले बुलन्द हैं।

ज्ञात हो कि कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के पीछे खुले आम चमड़ा का व्यवसाय किया जाता है। मध्य रात्रि में चमड़ों से भरी गाड़िया आती हैं और चमड़ा डाल कर चली जाती है कई कई दिनों तक मरे जानवरों की चमड़ी बिना छत के कमरे में रखी होने के चलते पूरे में मोहल्ले में बदबू का साम्राज्य स्थापित है। जिससे उस गली से निकलना भी दुस्वार है यही नही भीषण गर्मी में इस चमड़े के कारण गम्भीर बीमारियां जन्म ले रही है वहीं पास में बने इस्लामिया स्कूल में पढ़ने वाले छात्र सहित मोहल्ले लोग गम्भीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। मोहल्ले सहित विद्यालय प्रशासन ने कई बार इसकी शिकायत उपजिलाधिकारी से लेकर जिले के आलाधिकारियों से की है परन्तु इन व्यापारियों की ऊँची पकड़ के कारण आज तक कोई कार्यवाही नही हो सकी। बता दें चमड़े का यह कारोबार मुख्तार कुरैशी , नईम कुरैशी , रिजवान , लाला , युनुस कुरैशी वर्षाे से बदस्तूर चला रहे हैं। लेकिन प्रशासन इस ओर आज तक ध्यान नही दे सका है। मामले में अधीक्षक राधाकृष्णन का कहना है कि मरे जानवरों की खाल से गम्भीर बीमारियों व संक्रमण का सबसे अधिक खतरा रहता है। मामले में अधिषाषी अधिकारी पवन किशोर ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है जांच करा कार्यवाही की जायेगी। वहीं तहसीलदार विनोद कुमार सिंह ने कहा कि आबादी के अन्दर ऐसे उद्योग नही चलने चाहिए यदि शिकायत मिलती हैं तो त्वरित कार्यवाही की जायेगी।

रिपोर्ट अनुज मौर्य/अशोक यादव

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