कुष्ठ रोगियों ने बढ़ चढ़कर दिया मंदिर निर्माण में समर्पण राशि

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रायबरेली जो खुद दूसरों के सहारे जीवन यापन कर रहे हैं उन लोगों ने भी राम मंदिर निर्माण के लिए दिया समर्पण राशिशबरी के बेर से कम नहीं भावविभोर कर देने वाला कुष्ठ रोगियों का मंदिर निर्माण में किया गया सहयोग भगवान श्री राम भारतीय संस्कृति की आस्था और आधार जिस राम के जीवन शैली चरित्र और स्वभाव को हर व्यक्ति अपनाना चाहता है उस राम के मंदिर निर्माण में समाज का हर वर्ग सहयोग करने के लिए आगे बढ़ रहा है ऐसे में एक ऐसा वर्ग जो खुद दूसरों के सहारे हैं और मांग कर जीवन यापन करता है ऐसे वर्ग ने भी यथाशक्ति राम के मंदिर निर्माण के लिए समर्पण राशि दी है।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघ चालक जेडी दिवेदी को कुष्ठ आश्रम के सचिव मुरारी ने फोन करके समर्पण देने का आग्रह किया। जिस पर जेडी दिवेदी और उनके सहयोगी विजय रस्तोगी आश्रम पहुंचे आश्रम का मंजर आंखों में पानी भर देने वाला था क्योंकि वह तबका जिससे समाज ने परिवार ने तिरस्कृत कर दिया उनकी बीमारी की वजह से उन लोगों ने भी राम मंदिर निर्माण के लिए यथाशक्ति छोटी राशि ही सही लेकिन समर्पण किया है।जिला संघचालक जेडी दिवेदी ने कहा कि कुष्ठ आश्रम के सदस्यों की तरफ से जो राशि राम मंदिर निर्माण के लिए दी गई है वह करोड़ों रुपए के ऊपर भी भारी है क्योंकि भाव विभोर कर देने वाला वह कार्यक्रम जिसमें गली गली घूम कर एक एक रुपए का दान लेकर अपना पेट भरने वाले लोगों ने भी राम के प्रति आस्था दिखाते हुए अपना सहयोग दिया है ।इंजीनियर विजय रस्तोगी ने बताया कि पूरे जिले में लोग समर्पण राशि दे रहे हैं लेकिन जिस तरह से उत्साहित होकर कुष्ठ आश्रम के सदस्यों की तरफ से सहयोग दिया गया है। यह सहयोग ठीक उसी तरह है जिस तरह प्रभु राम ने शबरी के साथ झूठे बेर खाए थे आश्रम के सदस्यों की तरफ से दिए जा रहे इस सहयोग पर सबरी और राम के मिलन का वो दृश्य प्रत्यक्ष महसूस किया जा सकता है कि किस तरह से राम को अपने झूठे बेर भाव पूर्वक सबरी ने समर्पित किए होंगे उसी तरह कार्यकर्ताओं ने मंदिर के लिए सहयोग दिया है।कुष्ठ आश्रम के सचिव मुरारी दादा ने बताया कि जब राम मंदिर बनने का फैसला आया तो पूरे आश्रम में खुशी की लहर थी । उन्होंने कहा कि वह अखबार के माध्यम से पढ़ रहे थे कि मंदिर निर्माण के लिए समर्पण राशि ली जा रही है लेकिन उनकी आश्रम में कोई नहीं आ रहा था ऐसे में उन्होंने संघ के एक अधिकारी से संपर्क किया और पूरे आश्रम के निर्णय पर यथा शक्ति समर्पण दिया।फिलहाल राम मंदिर निर्माण का अभियान तो ठीक है और राम भक्तों का सहयोग भी सराहनीय पूरे देश में मिलने वाले सहयोग पर यह सहयोग भारी है क्योंकि यह सहयोग इस बात का प्रमाण है कि आस्था पर अर्थ का असर नहीं होता ।इस मौके पर इंजीनियर विजय रस्तोगी, आर एस एस जिला संघचालक जे. डी. द्विवेदी, निहारिका द्विवेदी, अनुषिका द्विवेदी, हेमलता द्विवेदी, स्नेहलता त्रिवेदी,मंजू त्रिपाठी, इला सिंह आदि लोग मौजूद रहे।अनुज मौर्य रिपोर्ट

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