आपने पेट्रोल, डीजल और CNG से चलने वाली गाड़ियों के बारे में तो सुना होगा. लेकिन क्या यह सुना है कि कोई कार कैक्टस जूस से पावर ले रही हो.
आपने पेट्रोल, डीजल और सीएनजी से चलने वाली गाड़ियों के बारे में तो सुना होगा. लेकिन क्या यह सुना है कि कोई कार कैक्टस जूस से पावर ले रही हो. भले ही यह सुनने में अटपटा लगे लेकिन ऐसा हो रहा है. मेक्सिको की एक कंपनी कारों को डीजल, पेट्रोल या सीएनजी से नहीं बल्कि कैक्टस जूस से चला रही है. यह कंपनी है नोपलीमैक्स.
नोपलीमैक्स ने 2015 में कारों को चलाने में कैक्टस जूस का इस्तेमाल शुरू किया था. यह नोपल से बायोफ्यूल बनाती है. नोपल को आम तौर पर प्रिकली पियर कैक्टस भी कहा जाता है. इसके पौधे को ग्रीन गोल्ड आॅफ मेक्सिको कहते हैं.
कैक्टस से ऐसे बनता है फ्यूल
सबसे पहले नोपल कैक्टस को साफ किया जाता है. उसके बाद इसे खाद के साथ मिक्स किया जाता है और डिकंपोज होने के लिए छोड़ दिया जाता है. इस प्रक्रिया में मीथेन पैदा होती है, जिसे व्हीकल्स में फ्यूल के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.
कार के अलावा नोपलीमैक्स इस फ्यूल की टेस्टिंग लोकल बस और सरकारी व्हीकल्स पर भी कर रही है.
रेगुलर फ्यूल से एक तिहाई सस्ता
कंपनी का कहना है कि नोपल से फ्यूल बनाने की प्रक्रिया में जो बायोगैस प्रॉड्यूस होती है, उसकी लागत केवल 0.65 डॉलर प्रति लीटर पड़ेगी. यह रेगुलर फ्यूल की कॉस्ट से लगभग एक तिहाई सस्ता है. अपनी इस इनोवेशन के जरिए नोपलीमैक्स का लक्ष्य मेक्सिको में एक इनवायरमेंटल और सोशल चेंज लाना है.
वेस्ट को फर्टिलाइजर के तौर पर कर सकते हैं इस्तेमाल
नोपलीमैक्स का मानना है कि नोपल से फ्यूल बनाने की प्रक्रिया में केवल पानी और नोपल का वेस्ट बचता है, जिसे फसल के लिए फर्टिलाइजर के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है. साथ ही कंपनी का यह भी मानना है कि जब तक नोपल को रेगुलरली रिप्लांट किया जाता रहेगा, यह प्रोसेस चलती रहेगी.
नोपलीमैक्स एक बायोडिगेस्टर नामक मशीन में ईंधन के तौर पर हर रोज लगभग 8 टन मीथेन का इस्तेमाल करती है. यह मशीन इसके कॉर्न चिप ओर कैक्टस चिप प्रॉडक्शन को पावर देती है.