सलोन (रायबरेली)। सलोन कस्बे के आठो पीर बाबा की मजार पर विगत वर्षो की भांति इस वर्ष भी 341 वें सालाना ऊर्स में तीसरे दिन जुलूस-ए-गागर जायरीनों के आकर्षण का केंद्र रहा। जुलूस-ए-गागर कार्यक्रम का नेतृत्व खानकाह करीमियां नईमियां के सज्जादानशीन शाह अहमद हुसैन जाफरी ने किया। सज्जादानशीन के साथ सैकड़ों जायरीनों का हुजूम बड़े उत्साह के साथ गागर ऊठाये लयबद्ध होकर गा रहे थे “कोऊ आई सुघड, पनिहार कुउना उमड चला”। इस बारे में स्थानीय लोगों का कहना हैं कि कई दशक पूर्व उर्स के दौरान जब कार्यक्रम जुलूस-ए-गागर में लोग शिरकत कर रहे थे। तभी वहाँ एक सूखे कुएँ में पानी हिलोरे लेने लगा था।लोग इसे आठो पीर बाबा की कृपा का चमत्कार मानते हैं।जुलूस के समापन पर हजरत अली की शान में मकनबद पढा गया।”भज रसना हरदम ए” अली सुनकर जायरीन मुग्ध हो गये। इस दौरान कौल मारफत भी पढा गया। उर्स में आस पास जिलों तथा क्षेत्र के अनेक बुजुर्ग लोगों की भारी भीड जमा होती हैं। आज सुबह से बडी सख्या में महिलायें व पुरुष जायरीनो ने रौजे पर आठो पीर बाबा हजरत नईम अताशाह बाबा की मजार पर चादर चढा कर मन्नते माँगकर दुआ की। फूलो की चादरों से मजार पट गयी थी। उधर पीर परौठन बाबा की दरगाह पर सुबह से देर रात तक भारी भीड जमा थी। महिलाओ, पुरुषो, बच्चो, बुजुर्गो की संख्या इस कदर थी।कि लोगों को चादर चढाने के लिये घंटो इंतजार करना पडा। सूफी संतो की नगरी सलोन स्थित विख्यात मियां साहब के रौज़े पर शाह नईम अता के दरगाह पर सालाना उर्स के गागर के अवसर पर देश विदेश के लोगो का तांता लगा रहता है। इस मौके पर जहीर हुसैन जाफरी, प्रोफेसर सैय्यद शाह नकी हुसैन जाफरी, सफी हुसैन, तारिक हुसैन जाफरी, अशरफ जाफरी, मंसूर जाफरी, शाह मोहम्मद मेंहदी, शाह मोहम्मद हुसैन अता, इरफान सिद्दीकी समेत सैकड़ो की संख्या में जायरीन मौजूद रहे।
प्रदीप गुप्ता रिपोर्ट