कोचिंग सेंटरों के ऊपर सारे नियम- निर्देश ठेंगे पर धडल्ले से चल रही कोचिंगे

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कस्बे से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक फैला कोचिंग सेंटरों का मकडज़ाल

रायबरेली (लालगंज)। कस्बे से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक कोचिंग सेंटरों के ऊपर सारे नियम-निर्देश ठेंगे पर हैं। कस्बे में जगह-जगह कोचिंग सेंटर वाले प्रचार बोर्डों की भरमार है। मानकों के विपरीत एक कमरे में 30 से 60 बच्चे बैठाए जा रहे हैं। किसी भी कोचिंग के पास फायर विभाग की न तो एनओसी है। और न ही आग से बचाव के सीज फायर यंत्र।शिक्षा औऱ अग्नि शमन विभाग की चुप्पी किस ओर इंगित करती हैं, यह बताने वा समझाने की ज़रूरत नहीं है।परीक्षाओं में पास होने का लालीपॉप देकर कोचिंग चल रहे हैं। अधिकांश में नियम व शर्तों का अनुपालन नहीं हो रहा है। 50 या 100 छात्र-छात्राओं का रजिस्ट्रेशन कराकर 200 से 500 तक बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।कोचिंग आने वाले स्टूडेंट्स की साइकिलें व दुपहिया वाहन फुटपाथ व सड़क पर खड़े होने से आए दिन जाम भी लगना आम बात हो गयी हैं। कोचिंग सेंटरों में आकस्मिक घटना के समय जान बचाकर भागने के लिए दूसरा दरवाजा और आग बुझाने का कोई यंत्र तक नहीं दिखते है।

कोचिंग संस्थानों में होनी चाहिए ये जरूरी सुविधाएं

सुविधाओं को देखा जाये तो कुछ भी नहीं कोचिंग संस्थान में छात्र-छात्राओं के लिए मुलभूत सुविधाएं यथा पेयाजल, शौचालय, हवादार खिड़की, रोशनी की व्यवस्था, बैठने की व्यवस्था ठीक से होनी चाहिए। रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आवेदन करने पर पहले इसकी जांच होनी चाहिए। जिसके बाद निबंधन पत्र जारी किया जाता हैं।

इन इलाकों में ज्यादा चल रहे हैं कोचिंग सेन्टर

लालगंज कस्बे मे साकेत नगर बाईपास रोड सब्जी मंडी आचार्य नगर मे अलग अलग स्थानो पर मुख्य तौर पर पांच दर्जन से अधिक कोचिंग सेंटर चल रही हैं।

काेचिंग सेंटर, शिक्षा औऱ अग्नि विभाग सभी उदासीन

कस्बे से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में नए कोचिंग संस्थान खुलते जा रहे हैं। अगर मानक की बात की जाए तो 80 प्रतिशत से अधिक संस्थान पूरा नहीं कर रहे हैं। कोचिंग सेंटरों के रजिस्ट्रेशन कराने के लिए पहले भी विभाग कई बार आदेश जारी कर चुका है। आदेश जारी करने के बाद अभी तक सभी कोचिंग संस्थानों का रजिस्ट्रेशन कराने में रुचि नही लेते है। विभागीय अफसर इसे लेकर उदासीन बने हुए है।जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साध रखी।

अनुज मौर्य/सन्दीप फ़िज़ा रिपोर्ट

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