कोटेदार बनाने के नाम पर प्राइवेट संस्था द्वारा की गयी लाखों की लूट

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महराजगंज (रायबरेली)। श्रीदुर्गा बक्ष सिंह वूमेन वेलफेयर सोसायटी द्वारा कोटेदार बनाने के नाम पर लाखों रूपये लेकर फरार होने का मामला प्रकाष में आया है। 70 से भी अधिक लोग स ठगी का षिकार हुए। मामले में ठगे जाने की जानकारी तब हुई जब सोसायटी द्वारा उठान के समय किसी को भी राषन नही दिया जा सका और दो चार दिन की मोहलत मांगी जाने लगी। जब तक लोग समझ पाते महराजगंज स्थित कार्यालय खाली कर ठग फरार हो गये। जानकारी होेने पर लोगो ने हैदरगढ़ स्थित प्रधान कार्यालय का घेराव किया लेकिन वहां भी उन्हे मायूसी ही हाथ लगी।

बताते चलें कि श्रीदुर्गा बक्ष सिंह वूमेन वेलफेयर सोसायटी नाम की एक संस्था खोलकर लोगो को 300 की आबादी पर उचित दर में राषन उपलब्ध कराने का झांसा देकर प्रति व्यक्ति 35000 रूपये जमानत धनराषि के नाम पर 2500 रूपये पंजीयन व 36000 रूपये राषन के नाम पर जमा कराये गये यही नही प्रति कार्ड धारक बनाने के लिए 150 रूपये की धनराषि जमा करायी गयी। प्रक्रिया पूरी करने के लिए 3 माह का समय मांगा गया। अधिक धन कमाने के नाम पर क्षेत्र के 70 लोग कम्पनी के झांसे में आ गये और ठगी का षिकार हो गये। ठगी का षिकार हुए तौली निवासी विनोद कुमार, लाही बार्डर निवासी आनन्द शुक्ला, भटसरा निवासी धर्मेेन्द्र कुमार, तौली निवासी आषीष , ओसाह निवासी राघवेन्द्र सिंह, पाराकला निवासी आदर्ष तिवारी, ओसाह निवासी मनोज त्रिवेदी , कुलदीप त्रिवेदी, नागेन्द्र सहित 70 लोगों ने मामले की जानकारी होते ही हैदरगढ़ स्थित प्रधान कार्यालय का घेराव किया वहां मौजूद सचिव सुषील सिंह, प्रदेष प्रभारी रानी कनौजिया, अध्यक्ष सुनीता सिंह आदि ने लोगो को पैसा वापस करने का आष्वासन दिया है। ठगी का षिकार हुए लोगो ने पैसा वापस न मिला तो सोसायटी व उनके कर्मचारियों पर मुकद्मा दर्ज करायेगें। वहीं कुछ लोगो ने कोतवाली हैदरगढ़ में षिकायती पत्र देकर मुकद्मा दर्ज कराये जाने की मांग की है।

खाद्य एवं रसद विभाग को नही है इसकी जानकारी

सोसायटी द्वारा कम दामों में राषन उपलब्ध कराये जाने को लेकर की गयी ठगी के मामले में खाद्य एवं रसद विभाग के पूर्ति निरीक्षक मोबीनउद्दीन से बात की गयी तो उन्होने बताया मेरे विभाग से इसका कोई सम्बन्ध नही है यह संस्था फर्जी है। सोचने वाली बात तो यह है कि क्षेत्र में विगत छः माह से फर्जी कोटेदार बनाने को लेकर संस्था कार्य कर रही है और पूर्ति निरीक्षक को इसकी जानकारी नही है और न ही इस कोई कार्यवाही की गयी।

अनुज मौर्य/अशोक यादव रिपोर्ट

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