कोरोनो मरीजों के लिए अच्छी खबर,कोरोना से संक्रमित हो चुके फेफड़ो को सही करने के लिए आ गई ये मशीन

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उत्तरप्रदेश डेस्क-हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी (HBOT) अब शहर लखनऊ में, हाल ही में इज़राइल के वैज्ञानिको द्वारा यह साबित किया गया है कि हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी (HBOT) उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को रोक देती है और शरीर में विकृत कोशिकाओं को हटा देती है। आप अपने को भाग्यशाली समझिए कि शहर लखनऊ एचबीओटी केंद्र महानगर में इस तरह की सुविधा है। यह थेरेपी न केवल उम्र के बढने की प्रक्रिया को रोक देती है बल्कि शरीर की सभी कोशिकाओं को फिर से जीवंत कर देती है और इस तरह त्वचा की टोन, प्रदर्शन और प्रतिरक्षा में सुधार करने में मद्द करती है। एचबीओटी क्लिनिक में व्यक्ति को एक घंटे के लिए शैलून चैम्बर की तरह आरामदायक कुर्सी में बैठना पड़ता है और शुद्ध आक्सीजन की आपूर्ति दो से तीन वायुमंडलीय दबाव में दी जाती है। यह रक्त में ऑक्सीजन को कई परतों में घोल देता है और शरीर के प्रत्येक कोशिका तक बहुत अधिक मात्रा में ऑक्सीजन पहुँचाई जाती है, जिससे कोशिका की कार्यपणाली में सुधार होता है और उम्र बढ़ने और रोग प्रक्रिया में सुधार होता है और डिटॉक्स भी होता है। टाइगर श्रॉफ, कैटरीना कैफ, अथिया शेट्टी, डेविड धवन जैसे हस्तियाँ नियमित रूप से सौदर्य और फिटनेस के लिए HBOT सत्र लेतीहै। एथलेट्स, फिटनेस फ्रीक और पुलिस कर्मी किसी भी खेल की चोट की ताकत और तेजी से चिकित्सा के लिए HBOT लेते हैं। 2019 के मेडिसिन के नोबेल पुरस्कार के विजेताओ ने बताया कि कोशिकाएं ऑक्सीजन की उपलब्धता को समझती हैं और अनुकूल होती हैं। डॉक्टर पहले से ही डाइबिटिज फूड, स्ट्रोक, गैंग्रीन, अचानक सुनवाई और दृष्टि हानि और पोस्ट विकिरण (कैंसर) जैसी कई असाध्य बीमारियों के लिए HBOT का उपयोग कर रहे है।

कौन सी बीमारियों में देती हैं ये मशीन राहत

कोरोना के कारण फेफड़ों को हुए नुकसान को ठीक करने के लिए ऑक्सीजन थेरेपी दी जाती है।हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थैरेपी सुरक्षित और आधुनिक इलाज के रूप में तेज़ी से अपना स्थान बना रही है। पूरे उत्तर प्रदेश में यह थेरेपी सिर्फ लखनऊ में दी जाती है।

Post Covid Rehabilitation Therapy available for Progressive lung disease “Fibrosis reduced lung capacity”, Tiredness and Black Fungus Infection “Mucormycosis” etc.

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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