डलमऊ रायबरेली – दैनिक अखबार कंचन टुडे में प्रकाशित किए गए “ना मिला कंबल ना मिला आवास कड़ाके की ठंड में गरीब कर रहे हैं वनवास ” के शीर्षक में खबर चलाई गई थी जिसमें डलमऊ क्षेत्र के ग्राम सभा जोहवा नटकी में कुछ ऐसे गरीब असहाय परिवार थे जिनको प्रशासन की तरफ से पिछले 10 वर्षों से ना तो आवास दिया गया और ना ही कड़ाके की ठंड में कंबल दिया गया जिसका संज्ञान लेते हुए श्री फाउंडेशन के मनोज द्विवेदी की पुत्री समाजसेविका गीतिका द्विवेदी ने गांव में जाकर गरीब असहाय परिवार के लोगों से घर घर जाकर उनसे मिलकर उनको मदद दिलाने का आश्वासन दिया गीतिका द्विवेदी को अपने बीच पाकर ग्रामीण बहुत गदगद हो गए ग्रामीणों ने उन्हें खूब आशीर्वाद दिया । समाज सेविका ने पाया कि घर पर ना तो सर छुपाने को कोई पक्की छत थी और ना ही जमीन पर कोई फर्श जिसको देखकर समाजसेवीका गीतिका द्विवेदी की आंखों में आंसू भर आए और उन्होंने जो भी पात्र पीड़ित परिवार थे उनको जिला प्रशासन की तरफ से जो भी नियमानुसार मदद मिलनी चाहिए उसको दिलाने का पात्र परिवारों से वादा किया हैं।
समय बदल रहा है, महिलाएं पुरुषों के कदम से कदम बढ़ाकर आगे बढ़ रही हैं। हर क्षेत्र में महिलाओं ने अपनी धाक जमाई है। आपको बताते चले गीतिका परिवार के साथ समाजसेवा में भी वह पीछे नहीं हैं।
निर्धन बेटियों को आगे बढ़ाने में जुटी गीतिका द्विवेदी
गीतिका द्विवेदी कई साल से समाजसेवा के क्षेत्र में उतरी थीं। शुरू में उन्होंने निर्धन लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर प्रेरित किया। निर्धन बच्चों को निशुल्क शिक्षा, यूनिफार्म, बेटियों को सिलाई बुनाई, कंप्यूटर कोर्स आदि निशुल्क कराने में अपने संबंधों के माध्यम से मदद करती हैं। निर्धन बेटियों की शादी कराने में उनकी अहम भूमिका रहती है।गीतिका आज भी वे पारिवारिक विवादों को निबटाने के अलावा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान मुहिम में सक्रिय भागीदारी की।इन सब कार्यो से उन्होंने प्रदेश स्तर पर अलग पहचान बनाई हैं शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश आयोजन में उनका सम्मान होता है।
बेटियों को मजबूत बना रही गीतिका
गीतिका बेटियों को मजबूत करने का बीडा उठाए हैं। गीतिका स्कूलों में जाकर बेटियों को मजबूत करने को ट्रेनिंग देती हैं। समाजसेवा के क्षेत्र में इन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई है। वही उनका परिवार भी समाजसेवा में अग्रणी है।
अनुज मौर्य/विमल मौर्य रिपोर्ट