डलमऊ (रायबरेली)। सरकार भले ही जन जन तक प्रधानमंत्री आवास योजना को पहुंचाने का प्रयास कर रही है।पर यहां के बीच के कुछ चाटुकारो के बदौलत आवश्यकता मंद लोगों तक यह योजना केवल ख्वाब सा है । ग्राम पोस्ट बरारा बुजुर्ग ब्लॉक डलमऊ शांति देवी पत्नी स्वर्गी सट्टू जो एक बहुत ही गरीब असहाय एवं विधवा महिला किराए के घर पर अपना गुजर बसर कर रही है विधवा शांति का घर करीबन 2 वर्ष पहले ही बारिश में पूर्णतः गिर चुका है और वह लाचार महिला दरबदर ठोकरें खाने को मजबूर हैं कभी ग्राम प्रधान कभी तहसील दिवस में ब्लॉक स्तर पर अपनी पीड़ा को सुनाती रही है पर वह अत्यंत गरीब एवं उसको आवश्यकता होते हुए भी उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई है आज तमाम लोग हैं जिन तक सरकारी योजनाएं केवल ख्वाब जैसा रह गई है।
सरकार भले ही जन जन तक प्रधानमंत्री आवास योजना को पहुंचाने का प्रयास कर रही है।पर यहां के बीच के कुछ चाटुकारो के बदौलत आवश्यकता मंद लोगों तक यह योजना केवल ख्वाब सा है । ग्राम पोस्ट बरारा बुजुर्ग ब्लॉक डलमऊ शांति देवी पत्नी स्वर्गी सट्टू जो एक बहुत ही गरीब असहाय एवं विधवा महिला किराए के घर पर अपना गुजर बसर कर रही है विधवा शांति का घर करीबन 2 वर्ष पहले ही बारिश में पूर्णतः गिर चुका है और वह लाचार महिला दरबदर ठोकरें खाने को मजबूर हैं कभी ग्राम प्रधान कभी तहसील दिवस में ब्लॉक स्तर पर अपनी पीड़ा को सुनाती रही है पर वह अत्यंत गरीब एवं उसको आवश्यकता होते हुए भी उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई है आज तमाम लोग हैं जिन तक सरकारी योजनाएं केवल ख्वाब जैसा रह गई है। सरकार भले ही जन जन तक प्रधानमंत्री आवास योजना को पहुंचाने का प्रयास कर रही है।पर यहां के बीच के कुछ चाटुकारो के बदौलत आवश्यकता मंद लोगों तक यह योजना केवल ख्वाब सा है । ग्राम पोस्ट बरारा बुजुर्ग ब्लॉक डलमऊ शांति देवी पत्नी स्वर्गी सट्टू जो एक बहुत ही गरीब असहाय एवं विधवा महिला किराए के घर पर अपना गुजर बसर कर रही है विधवा शांति का घर करीबन 2 वर्ष पहले ही बारिश में पूर्णतः गिर चुका है और वह लाचार महिला दरबदर ठोकरें खाने को मजबूर हैं कभी ग्राम प्रधान कभी तहसील दिवस में ब्लॉक स्तर पर अपनी पीड़ा को सुनाती रही है पर वह अत्यंत गरीब एवं उसको आवश्यकता होते हुए भी उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई है आज तमाम लोग हैं जिन तक सरकारी योजनाएं केवल ख्वाब जैसा रह गई है।
अनुज मौर्य रिपोर्ट