राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम पर कार्यशाला
रायबरेली। जिला पेयजल एवं स्वच्छता समिति रायबरेली की बैठक मुख्य विकास अधिकारी राकेश कुमार की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट स्थिति बचत भवन में आयोजित की गई। मुख्य विकास अधिकारी ने समिति के सभी सदस्यों से कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल एवं स्वच्छता जागरूकता कार्यक्रम के अन्तर्गत संचालित पाइप पेयजल परियोजना, पेयजल आपूर्ति को संचालन एवं जनजागरूकता पर जोर देते हुए कहा कि पेयजल सम्बन्धी सभी सरकार की योजनाओं को प्रभावी तरीके से संचालन करने में अपना सहयोग दें। घर और बाहर दोनो जगह ही स्वच्छता का महत्व है। आमजन को जागरूक करने के लिए पेयजल व स्वच्छता कार्यक्रमो को जिला स्वच्छता समिति प्रभावी तरीके से कराया जाए। सामुदायिक गतिविधियो के द्वारा कार्यक्रमो को गति प्रदान की जाये। जिला स्तर के साथ ही तहसील व ग्रामीण स्तर पर कार्यशालाओ का आयोजन कर आमजन को स्वच्छता सम्बन्धी कार्यक्रमो से लाभान्वित करे। कहा गया है बिन पानी सब सून पर मनुष्यों ने बताया कि द्वितीय विश्व युद्ध तेल के लिए हुआ था, तृतीय विश्व युद्ध हुआ तो वह पानी के लिए होगा।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि गांवों के सभी ग्राम प्रधान को जिला पेयजल एवं स्वच्छता समिति के कार्यो बताया जाये और बारीकियों को भली भांति जानें। पेयजल गुणवत्ता की समस्या एवं उसके दुष्प्रभाव एवं बचाव सम्बन्धी जन जागरूकता व कार्यक्रम व समिति का उद्देश्य सुरक्षित व स्वच्छ पेयजल व उसके संरक्षण पर जागरूकता विभिन्न गतिविधियो को दूर दराज के जन समुदाय तक पहुॅचाकर उसके ज्ञान व जागरूकता के स्तर को विकसित कर पहुॅचाना है। उन्होने कहा कि पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के कार्यक्रम द्वारा सम्पूर्ण स्वच्छता के अर्न्तगत ग्रामीण स्वच्छता आच्छांदन में वृद्धि व ग्रामीण क्षेत्रो में स्कूलो की स्वच्छता सुविधाओ व शौचालय के प्रति जागरूकता लाने के साथ ग्रामीणो को सम्पूर्ण स्वच्छता व पेयजल कार्यक्रमो के माध्यम से जागरूक करना है।
मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि पृथ्वी पर भूजल की मात्रा 0.67 प्रतिशत जो सीमित है। इसमें वर्षा जल के रिचार्ज होने से जो जल पृथ्वी में जाता है वह भूजल कहलाता है। भूजल सभी जलों से शुद्ध है, इसका उपयोग पीने के लिए किया जाता है। इसे अनावश्यक रूप से बर्बाद न किया जाये। इसे दो रूप से बचाना है, पहला प्रदूषित होने से बचाना है, दूसरा-इसको बर्बाद नहीं करना है। उन्होने कहा कि अधिक से अधिक शौचालय बनवाकर उनका प्रयोग भी सुनिश्चित कराया जाए। पेयजल का संबंध कुपोषण से भी सीधा जुड़ा है यदि दूषित जल होगा तो कुपोषण बढ़ेगा। जिससे स्वास्थ्य प्रभावित होने के साथ ही सामाजिक विकृतियां भी बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि जनपद में सभी ग्राम पंचायतें हैं वे अच्छी तरह से जानें तथा पेयजल परियोजनाओं को बेहतर ढंग से चलाएं। शुरू में कोई काम कठिन लगता है लेकिन जब करना प्रारम्भ करते हैं तो आसान हो जाता है। जो लोग काम को बोझ मानकर करते हैं तो हमेशा हैरान परेशान व दुःखी रहते हैं तथा अपने कर्तव्यों का पालन ठीक से नहीं कर पाते हैं। काम को मन व लगन से करने वाला व्यक्ति सुखी व प्रशन्न चित्त रहता है।
जिला विकास अधिकारी ए0के0 वैश्य ने बताया कि भूजल अमूल्य है इसका अपव्यय न करें। उन्होने कहा कि यदि कही किसी हैण्डपम्प में दूषित पानी आ रहा हो या री-बोर करना हो तो उसकी जानकारी सम्बन्धित कार्यालय को दे। इसके अलावा पेयजल सम्बन्धित योजना की भी जानकारी ली जा सकतीं हैं। इस मौके ग्राम प्रधान व सम्बन्धित अधिकारी, समिति के सभी सदस्य उपस्थित थे।
अनुज मौर्य रिपोर्ट