महराजगंज (रायबरेली)। सरकार के आदेशानुसार वर्षों से कब्जाई गई सुरक्षित चरागाह भूमि से एंटी भूमाफिया टीम ने प्रत्येक ग्राम सभाओं में दबंगों के चंगुल से लगभग सैकड़ों बीघा चरागाह की जमीन की पैमाइश कर खड़ी गेहू की फसल को ट्रैक्टर से जुतवा कर मुक्त करवाया था। जिससे आवारा मवेशियों को काफी राहत मिली थी, लेकिन छह माह भी नही बीता कि दबंगों ने अपनी सेटिंग कर फिर से चारागाह की जमीन पर धान कि रोपाई करा दी। जिसको लेकर फिर से आवारा पशुओं को चरने के लिए भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। बताते चलें कि प्रदेश में भजपा की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री ने अपनी घोषणा में कहा कि ग्राम सभाओं की सुरक्षित भूमि चरागाह, खलिहान, खाद के गड्ढ़े, तलाब आदि की सुरक्षित जमीन पर कब्जा करने वालों से जमीन खाली कराई जाय। जिसको लेकर प्रत्येक तहसीलों में एंटी भू-माफिया टीम का का गठन किया। टीम ने अभियान चलाकर प्रत्येक ग्राम सभाओ में सुरक्षित जमीनों को लगभग दबंगों के चंगुल से मुक्त करवाने में कड़ी मशक्कत की और लगभग सुरक्षित जमीन खाली भी करवा ली थी, लेकिन दबंगों ने फिर से खाली कराई गई सुरक्षित जमीन पर अपना कब्जा जमाकर धान की रोपाई भी करा ली। मामला है बावन बुजुर्ग बल्ला गांव का है। बीते दिनों एंटी भूमाफिया टीम ने चरागाह की गाटा संख्या 5124, 5232, 5305, 5308, 5524 जो करीब 50 बीघा जमीन खाली कराकर भूमाफियाओं से मुक्त करा दिया था, लेकिन इस सारी जमीन पर दबंगों ने फिर से अपना कब्जा कर धान की रोपाई करा डाली, लेकिन तहसील में बैठे जिम्मेदारों के कानो में जूं तक नही रेंगी। इतना ही नहीं कुछ भूमाफियाओं ने तो सुरक्षित चरागाह की जमीन में आवंटन भी करा लिया है। कराए गये आवंटन को पैमाइश करने गई टीम ने बताया कि जल्द ही कार्यवाही कर गलत तरीके से कराए गये पट्टे को निरस्त कराया जाएगा। लेकिन तहसील प्रशासन व एंटी भूमाफिया टीम द्वारा अब तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। जिसको लेकर ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। तहसीलदार विनोद कुमार सिंह का कहना है कि मामला प्रकाश में आया है। चारागाह की जमीन को पैमाइश कराकर अवैध खड़ी सल
को कुर्क किया जाएगा और चारागाह की जमीन सुरक्षित कराई जाएगी।