जब ग्रामीणों ने सूखते तालाब को दिया जीवनदान

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रायबरेली। कहते है कि जल ही जीवन है।इस भीषण तपती गर्मी में पशु-पक्षियों को पानी की ज्यादा आवश्यकता पड़ती है।मानव तो अपनी प्यास बुझाने का प्रयत्न कर लेता है।लेकिन पालतू व जंगली जानवर,पक्षियों को पानी मिलना दूभर हो जाता है।

ऐसा ही नेक कार्य किया पूरे मुराइन मजरे अमावां गांव के ग्रामीणों ने।उन्होंने गांव के बगल में स्थित खौसा तालाब को भरने की सोचा।एक दिन बैठकर गांव वालों ने निर्णय लिया कि इस तालाब को पानी से भर दिया जाए,जिससे पशु पक्षियों को पानी मिल सके।उन्होंने शासन व प्रशासन के सामने गिड़गिड़ाने से बेहतर समझा कि खुद ही मेहनत करके भर देते है।आखिर कल शनिवार को ग्रामीणों ने नाली बनाकर तालाब तक पानी पहुँचा ही दिया। जिसमें विशेष रूप से रमेश, सुरेन्द्र, राकेश, अमरनाथ मौर्य, मन्नू मौर्य, राजाबाबू खान,राम शंकर सहित कई ग्रामीणों ने श्रमदान करके तालाब में पानी भरने का कार्य किया।

अनुज मौर्य/पवन मौर्य रिपोर्ट

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