खीरों(रायबरेली)। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जिसमें किसी थानाध्यक्ष के हटने के बाद थाने के स्टाफ ने मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिन उम्मीदों के साथ एसपी सुनील कुमार सिंह ने इंस्पेक्टर अमरनाथ यादव को खीरों का इंचार्ज बनाया था,वह उस पर एक प्रतिशत भी खरे नहीं उतरे यही नहीं अपनी एकल खाऊ कमाऊ नीति के चलते वह अपने स्टाफ के भी दुश्मन बन बैठे फिलहाल एसपी ने अमरनाथ यादव को चार्ज से पैदल कर दिया। गौरतलब है कि लखनऊ से स्थान्तरित होकर आए इंस्पेक्टर अमरनाथ यादव को एसपी ने लोकसभा चुनाव से पूर्व खीरों का थानेदार बनाया था चार्ज पाते ही इंस्पेक्टर अमरनाथ यादव ना केवल मानवता भूल गये बल्कि कानून को पैरों तले रौंदने लगे छोटे-मोटे झगड़े में आसानी से निपटारा हो सकता था उसमें दोनों पक्षो को थाने पर कई दिनों तक बैठाकर अमरनाथ यादव ने लिफाफे का वजन बढ़ाया इसी बीच किसी पक्ष ने अगर मीडिया य राजनैतिक सिफारिश लगवा दी तो खिसिया कर उसका शांतिभंग में चालान हो जाता था। लोकसभा चुनाव में मतदान के दिन सांसद सोनिया गांधी के प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा से उलझ कर अमरनाथ यादव ने हीरो बनने का जो प्रयास किया था वह रविवार को उस समय धूल धूसरित हो गया जब पुलिस अधीक्षक ने उन्हें थाने के न काबिल समझ कर चार्ज से हटा दिया, हर मामले में सीधा हस्तक्षेप करने वाले अमरनाथ यादव के हटने का इंतजार थाने के सिपाही भी काफी समय से करते थे जो रविवार को पूरा हो गया।अमरनाथ यादव को खीरों से हटाकर साइबर सेल का प्रभारी बनाया गया एस ओ के तबादले के बाद क्षेत्र में उनके कारनामों के काले किस्से फिजाओं में तैर रहे हैं, कई पुलिसकर्मी मिठाई से तबादले की खुशी का इजहार करते देखे गए इस कार्रवाई से साफ हो गया कि थाने की हर गतिविधि पर एसपी नजर रहती है सही समय आने पर एसपी सारा हिसाब-किताब चुकता कर देते हैं, फिलहाल एस ओ के तबादले से ग्रामीणों और दबाव में आकर थाने को मजबूरन कुर्सियां दान करने वाले दुकानदारों में खुशी की लहर देखी गई।
अनुज मौर्य /धर्मेंद्र भारती रिपोर्ट