ऊंचाहार (रायबरेली)। षनिवार के दिन से परिषदीय विद्यालयों का परीक्षा अव्यवस्थाओं के मध्य प्रारंभ कर दिया गया है। जिसमे स्थानीय विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण नौनिहालों को जान जोखिम में डालकर परीक्षा देने के लिए मजबूर है। जिनके ऊपर जर्जर बिल्डिंग होने के कारण जहां एक तरफ मौत मरणा रहा है तो दूसरी तरफ उनके भविष्य का सवाल है।
ऊंचाहार ब्लाक के अन्तर्गत कुल 108 प्राथमिक व 27 पूर्वमाध्यमिक विद्यालय है। जिसमे कक्षा एक से लेकर आठ तक के कुल 14,360 परीक्षार्थियों को परीक्षा में बैठकर अपने भविष्य को सुधारना है। जिसमे ब्लाक के अन्तर्गत प्राथमिक विद्यालय गोपालपुर उधवन में शनिवार के दिन जर्जर बिल्डिंग मे 113 पंजीकृत बच्चों में 73 बच्चों ने हिन्दी विषय का परीक्षा दिया, जिनके हालात देखते बन रहा था। एक तरफ जहां बिल्डिंग जर्जर होने पर उनके सर पर मौत मरणा रहा था। वहीं दूसरी तरफ उन मासूमों मे परीक्षा पास करके अपनी भविष्य के प्रति उनकी चिंता सता रही थी। हालात बिल्कुल दयनीय थी जिसका दृष्य देखकर आपभी सोंचने पर मजबूर हो जाएंगे लेकिन यहां के हालात विभाग के स्थानीय अधिकारियों की कहीं न कहीं नहीं बल्कि साफ-साफ पोल खोल रहा है। जिसमे अधिकारियों की लापरवाही से बच्चों को जान जोखिम मे डालकर पढ़ने से लेकर परीक्षा देने के लिए जर्जर बिल्डिंग मे मजबूर है। उधर एसडीएम केषवनाथ गुप्ता ने बताया कि प्रकरण गंभीर है जिसकी प्रषासनिक जांच करवायी जाएगी। बच्चों को जर्जर बिल्डिंग में परीक्षा न करवाने की जगह दूसरे स्थान यानी पंचायत घर में करवाने के लिए आदेषित किया जाएगा।
अनुज मौर्य रिपोर्ट