महराजगंज (रायबरेली)। न्यू स्टैण्डर्ड कॉलेज ऑॅफ हॉयर एजूकेशन सलेथू में विश्व एड्स दिवस के अवसर पर जनजागरूकता विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में डॉ. एसके पाण्डेय प्राचार्य प्रमुख वक्ता के रूप में स्वयं के विचारों के द्वारा यह सिद्ध किया कि एड्स भारत की ही नहीं अपितु स पूर्ण विश्व की समस्या है, जिसका कोई इलाज संभव नहीं है। लोंगो को जागरूक करना तथा इसके बचाव के उपाय बताना ही प्रमुख मानव कर्तव्य हैं। प्रत्येक मानवीयता का धर्म एड्स के बचने की दिशा में सराहनीय कार्य है। डॉ. जितेन्द्र प्रताप सिंह ने एड्स के भयावह प्रभावों पर प्रकाश डालते हुए यह सिद्ध किया है कि यह बीमारी महानगरों में अपने चर्मोत्कर्ष पर है। प्रकारान्तर से देखा जाय तो एड्स से बचने के लिए वैदिक साहित्य में आश्रम व्यवस्था का निर्वाह करना श्रेष्ठ है, जिसमें ब्रह्मचर्य आश्रम की उम्र 25 वर्ष तक बतायी गयी। परन्तु खेद का विषय है कि वर्तमान भारत सरकार की उस उम्र को कम करके 19 एवं 21 वर्ष कर दिया जिसके प्रभाव के कारण यह और ज्यादा फैल रही है। आयोजन देवेन्द्र बाजपेयी एवं डॉ. रश्मि श्रीवास्तव ने किया। छात्रा कलिकेश कुमारी ने अपने सारगर्भित विचारों के माध्यम से एड्स की उत्पत्ति पर अपने विचार रखे। अरविन्द सिंह, सौरभ कुमार, संदीप सोनकर, महेन्द्र्र, प्रियंका, आरती, खुशबु सहित भारी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं।