जिले का ऐसा गाँव जहाँ 72 वर्षों बाद भी नही बन पाई सड़क

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महराजगंज रायबरेली।
देश की आजादी के 72 वर्षों के बाद भी विकासखंड क्षेत्र के सुखलिया मजरे पुरासी गांव क़े ग्रामीण सुगम रास्ते पर चलने को मजबूर है। वही बारिश इस गांव क़े लोगो क़े लिए अभिशाप से कम नही। फिलहाल गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने जिलाधिकारी की चौखट पर एक अदद राह एवं दूषित पेयजल से मुक्ति दिलाने की मांग की है।
बताते चलें कि देश की आजादी के बाद से ही पक्का संपर्क मार्ग न होने से सुखलिया मजरे पुरासी गांव के लोगों का आवागमन का एक सहारा नाले की कच्ची पगडंडी ही है। 300 की आबादी वाले गांव में हल्की बरसात होते ही इस कच्चे मार्ग पर लोगों का चलना दूभर हो जाता है वही बारिश से हर साल यह गांव टापू में तब्दील दिखाई पड़ता है। तब दुनिया से कट चुके ग्रामीणों क़े आने जाने का सहारा नाव ही होता है। मालूम हो की विगत दिनो इस गांव में आई बाढ़ पर विधायक रामनरेश रावत सहित प्रशासनिक अमले द्वारा गांव भ्रमण कर समस्याओं से निजात दिलाने का आश्वासन दिया गया किन्तु तीन महीने बीतने क़े बावजूद नतीजा जुमला ही साबित हुआ। पुनः दो दिन बारिश होने से पटरी का कच्चा रास्ता कीचड़ में तब्दील हो चुका है ग्रामीण साइकिल उठा कर गांव से आने जाने को मजबूर है। मामले में सुखलिया गांव के ग्रामीण अमरपाल सिंह, रामकुमार, नोखेलाल, अहोरवादीन, अजय प्रताप सिंह सहित दर्जनों ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से पक्का संपर्क मार्ग व दूषित पेयजल समस्या से निजात दिलाए जाने की मांग की है।
अनुज मौर्य /अशोक यादव रिपोर्ट

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