रायबरेली। वस्तु एवं सेवाकर की अधिकतम सीमा 14 से 15 प्रतिशत ही रक्खी जाए। यह मांग अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप बंसल ने पत्रकार वार्ता में की। पत्रकार वार्ता का आयोजन सुपर मार्केट स्थित एक रेस्टोरेंट में किया गया था। उन्होंने कहा कि व्यापारियों की सबसे बड़ी समस्या ई-कामर्ष कम्पनियां है इनसे देश का खुदरा व्यापार प्रभावित हो रहा है। वहीं सरकार को राजस्व का भी चूना लग रहा है। कैश आॅन डिलीवरी संविधान के खिलाफ है। उनकी मांग पर ही केंद्र सरकार ने ई-कामर्ष कम्पनियों वर शिकंजा कसने के लिए नियामक आयोग का गठन किया है जो आगामी एक फरवरी से अपना कार्य षुरू करेगा। अब ई कामर्ष कम्पनियां अपना 25 प्रतिशत माल ही आनलाइन से बेंच सकेगी। 75 प्रतिशत माल खुदरा बाजार में बिकेगा। आगामी तीन फरवरी को वे बैठक में इसकी समीक्षा करेंगे। इसी के साथ वे बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के भी खुदरा व्यापार में प्रवेश के खिलाफ हैं। वे केंद्र सरकार से मांग करते है कि एक देष एक कर लागू करने के लिए मण्डी शुल्क व एक्साइज शुल्क समाप्त कर पेट्रोल, डीजल व गैस को भी जीएसटी में षामिल करें। अभी जीएसटी की अद्दिकतम दर 28 प्रतिशत है इसे घटाकर 14 से 15 प्रतिशत किया जाए। जिससे आम आदमी से कर का बोझ कम होगा। इस अवसर पर कृष्ण गोपाल कसौंधन, राज नारायण अग्रहरि, अमरजीत, अवधेश वर्मा, खलील अहमद, मो. हसनैन खान, मो. अफसर, अनुराग दरियाबादी, मदनलाल आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।