रायबरेली। सीने में दर्द की शिकायत पर आधुनिक रेलकोच कारखाना लालगंज अस्पताल से लखनऊ रिफर किए गये कर्मचारी की मौत हो गयी। कर्मचारी की मौत की सूचना मिलते ही साथी कर्मचारी एमसीएफ अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। कारखाने में छुट्टी होने के बाद गेट पर एकत्र कर्मचारियों ने प्रधान मुख्य विद्युत अभियंता दीपांकर डे की कार रोक ली। सचिव महाप्रबंधक आरपी शर्मा एवं डिप्टी सीपीओ मनीष सिंह के काफी समझाने के बाद भी अपनी मांगों को लेकर कर्मचारी धरना-प्रदर्शन करते रहे। जानकारी के अनुसार आधुनिक रेलकोच कारखाना लालगंज के इलेक्ट्रिकल विभाग में टेक्नीशियन के पद पर काम करने वाले ललित कुमार सुमन को रात में सीने में दर्द शुरू हुआ। वह रात में ही उपचार के लिए कारखाना स्थित अस्पताल पहुंचे। वहां प्राथमिक उपचार के बाद सुबह लखनऊ रिफर कर दिया गया। वहां दोपहर में उसकी मौत हो गयी। उसकी मौत से गुस्साए कर्मचारियों ने शाम 5.30 बजे कारखाने में अवकाश होने के बाद गेट संख्या तीन के सामने एकत्र होकर धरना-प्रदर्शन व कारखाना प्रशासन विरोधी नारेबाजी शुरू कर दी। कर्मचारियों ने प्रधान मुख्य विद्युत अभियंता दीपांकर डे की कार का घेराव कर लिया। मौके पर पहुंचे सचिव महाप्रबंधक आरपी शर्मा एवं डिप्टी सीपीओ मनीष सिंह कर्मचारियों को समझाने का प्रयास करते रहे लेकिन कर्मचारी महाप्रबंधक को बुलाने की बात पर अड़े रहे। कर्मचारियों का आक्रोश देख प्रधान मुख्य विद्युत अभियंता अपनी कार से बहार नहीं निकले। कर्मचारियों ने एमसीएफ अस्पताल के चिकित्सकों पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि चिकित्सकों का व्यवहार कर्मचारियों के प्रति ठीक नहीं रहता। अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सकों का अभाव होने के चलते थोड़ी सी बीमारी में भी लखनऊ रिफर कर दिया जाता है। दवाओं का भी अभाव रहता है। ललित कुमार सुमन को सीने में दर्द होने पर एंबुलेंस में चिकित्सक की निगरानी में भेजना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। उसे देर से रिफर कर अकेले भेज दिया गया। धरना-प्रदर्शन के लगभग ढाई घंटे बाद क्षेत्रधिकारी आरपी शाही मौके पर पहुंचे तब जाकर दीपांकर डे अपनी गाड़ी से नीचे उतरे और कर्मचारियों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन कर्मचारी बिना महाप्रबंधक के आए और लापरवाह चिकित्सकों पर कार्रवाई के साथ चिकित्सीय सुविधाओं को बहाल करने आदि मांगों को लेकर आश्वासन देने की मांग पर अड़े रहे।