डलमऊ रायबरेली – दीनशाह गौरा के डाकघर सूरजपुर बनापार शाखा में तैनात रहे डाकपाल ने खाताधारकों के खातों में गोलमाल करके करोड़ों रुपए डकार लिए मामला संज्ञान में आने पर खाताधारकों में हड़कंप मच गया। विकासखंड दीन शाह गौरा के सूरजपुर में डाकघर है। जहां पर सूरजपुर बनापार गौरा खसपरी, पंडित का पुरवा, दुर्गापुर, कटरा कला, लालापुरी, पूरे जाट, पूरे जुगराज सिंह, गौर खस परी, सहित लगभग दर्जनों गांवों के ग्रामीणों के लगभग 1500 बचत टी डी, आर डी एवं सरकार की महत्वकांक्षी योजना सुकन्या के खाते संचालित है। जिन पर लोगों के द्वारा लगभग करोड़ों रुपए जमा किए गए गांव निवासी रमाकांत, किरण, राजन बाई, सरलादेवी, श्याम सुंदर, शिवम मौर्या ने बताया कि उन्होंने सूरजपुर बनापार डाकघर में आरडी व सुकन्या के खाते खुलवा रखे थे। लेकिन डाकपाल के द्वारा उनकी पासबुक में पैसा तो एंट्री कर दिया गया लेकिन अभिलेखों में दर्ज नहीं है। श्याम सुंदर ने बताया कि उनके सात खाते डाकघर में चल रहे हैं जिनमें से अभी तक केवल 2 पासबुक मिली है। सभी खातों में मिलाकर ₹50000 जमा है। लेकिन खातों में नहीं चढ़ा हुआ शिवम मौर्य ने बताया कि उन्होंने डाकघर में अपनी मां के साथ जॉइंट खाते में लगभग ₹300000 जमा कर रखा है। लेकिन खाते में सिर्फ 90000 चढ़ा हुआ है। राजन बाई ने ₹20000 जमा कर रखे हैं सरस्वती 11500 अनूप तिवारी के नाम 40000 जमा है। सरिता देवी ने ₹15000 जमा कर रखे हैं लेकिन उनका पैसा खाते में नहीं चढ़ा रश्मि देवी ने ₹6000 अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा जमा किया है। लेकिन अब खाते में पैसा ना जमा होने की वजह से परेशान है। गांव की ग्रामीण जनता पाई – पाई जोड़ कर अपने खातों में बचत के लिए पैसा जमा करती है। लेकिन उसका पैसा इस तरीके से चला जाएगा किसी को विश्वास नहीं था। प्राइवेट कंपनियों की धोखाधड़ी से बचने के लिए लोग डाकघर का सहारा लेते हैं जहां पर मानते हैं कि पैसा सबसे सुरक्षित रहेगा लेकिन उन्हें क्या पता था कि डाकघर में तैनात डाकपाल के द्वारा उनका एक-एक पाई का पैसा किस तरीके से चला जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि ज्यादातर खाताधारकों को पासबुक भी नहीं दी गई टीडी जैसे महत्वपूर्ण खातों की पासबुक जो मुख्य डाकघर से जारी होती है। डाक पाल के द्वारा मनमानी तरीके से फर्जी जारी कर दी गई है। जिनका अब जवाब देने वाला कोई नहीं है। फिलहाल डाकघर में तैनात डाकपाल डाकघर में ताला लगा कर गायब हैं। खाताधारक डाकघर के चक्कर लगा रहे हैं। डाकघर दीन शाह गौरा से कर्मचारी आते हैं। और खाताधारकों को सांत्वना देकर वापस चले जाते हैं लेकिन खाताधारकों को अब सिर्फ अपनी गाढ़ी कमाई का पैसा मिलने की चिंता सता रही है।
अनुज मौर्य/विमल मौर्य रिपोर्ट