ऊंचाहार रायबरेली-वेतन भरपूर लेने के बावजूद अपने ड्यूटी के प्रति लापरवाही बरतने वाला कोई अन्य विभाग नही है बल्कि धरती के भगवान के रूप मे माने जाने वाले चिकित्सक व उनका स्टाप है।जिसमे प्रतिमाह चिकित्सक समेत तीन स्टाप पर डेड़ लाख रूपए से अधिक सरकार वेतन के रूप में बकायदा दे रही है जिसके बावजूद पूरा स्टाप नदारद मंगलवार के दिन था।जिसमे स्थानीय ग्रामीणों की माने तो यहां पर महज कागजीकोरम पूर्ण करके ही प्रतिमाह विभाग से पैसा लिया जाता है मरीज परेशान रहते है।
बताते चले कि ये हाल जिला रायबरेली से 40 किलोमीटर दूर ऊंचाहार नगर का है।ऊंचाहार नगर पंचायत कार्यालय के सामने राजकीय यूनानी चिकित्सायल है।जिस चिकित्सालय मे बकायदा डाक्टर;फार्मासिष्ट व भृत्य पद पर तैनाती है।जिसमे तीनो के लिए सरकार विभाग को प्रतिमाह वेतन के रूप में डेड़लाख रूपए से अधिक पैसा मरीजो के देखभाल के नाम पर खर्ज भी करती है।लेकिन ये स्टाप कब आएगा कब जाएगा ये कोई और नही बल्कि ये तीनो स्टाप तय करते है मरीज दवा पाए या नही ये मायने उनके लिए कोई नही पड़ता है।मंगलवार के दिन सुबह से सांयकाल तक अस्पताल मे ताला लटक रहा था एक महिला मरीज अपने मासूम बच्चे के उपचार के लिए आई न मिलने पर भूमि पर बैठकर इंतजार किया और न मिलने पर वो निराश होकर चली गई है।ये तो एक बानगी है स्थानीय ग्रामीणो ने नाम न छापने की सर्त पर बताया कि चिकित्सक व स्टाप अपने पास ही यहां के अभिलेख रखते है जिसमे प्रतिमाह का हस्ताक्षर बनाकर वेतन भी घर बैठे ले लेते हैं ग्रामीणों का आरोप है कि यहां की दवा मरीजो मे वितरण करने की जगह बेंच दिया जाता है।बीजेपी पार्टी के पूर्व ब्लाक अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने कहा कि चिकित्सक व स्टाप क्यों नही आता है उसके लिए डीएम व मुख्यमंत्री को लीखित पत्र भेजकर अवगत करवाया जाएगा क्योकि मरीजों के देखभाल की जगह नदारद रहना नियमतः गैरकानूनी है।उधर सीएचसी अधीक्षक डा आरबी यादव ने बताया कि ये हमारे अन्तर्गत नही है जिसका विभाग अलग है।वहीं एसडीएम ने बताया कि यदि ऐसा है तो घर बैठे वेतन लेना नियमाविरूद्ध है।जिसके लिए जांच करके वैधानिक कार्यवाही हेतु उनके विभाग को लिखा जाएगा।
सर्वेश रिपोर्ट