तेज हवाओं व रिमझिम बारिश से अन्यदाताओं के होश उड़े

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मौसम के बदलते तेवर देख खेतों की ओर भागे अन्यदाता
मौसम ने बदला करवट किसानों की बड़ी चिंता

लालगंज (रायबरेली) । कोतवाली क्षेत्र सोमवार की सुबह से मौसम के तेवर बदलते ही किसानों का कलेजा मुंह को आ गया आनन फानन में खेतों की तरफ भागे किसानों ने जल्दी से जल्दी गेहूं की कटाई का काम शुरू कर दिया वैसे भी गेहूं की फसल पकने के बाद से ही खेती का काम शुरू हो जाता है। लेकिन आज सुबह मौसम का मिजाज बदलते देख आनन-फानन मे किसान खेतों में पहुंच गए कटी पड़ी फसलों की मडाई के लिए बिजली का इंतजार ना करते हुए ट्रैक्टर चलित थ्रेसर से मड़ाई का काम शुरू करा दिया हल्की सी बारिश किसानों की कमर तोड़ने के लिए काफी है क्योंकि खेतों में कटी पड़ी फसल भीगने के साथ ही खराब हो जाएगी गीली होने से मड़ाई का काम ठप हो जाता है। सूखने के बाद ही मडाई हो सकती लेकिन फसल गीली होते ही दीमक लगना शुरू हो जाता है। सूखने से पहले ही आधी से ज्यादा फसल नष्ट कर देता है।गेहूं की कटाई के बाद फसल हल्की सी बारिश फसल सूखने के लिए बोझ खोल कर दोबारा फैलाया जाता काफी मुश्किल होता है क्योंकि बारिश से भीगी फसल सूखने पर जगह जगह से टूटने लगती है इसलिए सभी का प्रयास रहता कि जल्दी से जल्दी अनाज घर आ जाए।
मौसम ने बदला करवट किसानों की बढी चिंता अचानक करवट बदलने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीर और गहरी हो जाती है। घबराए किसान खेतों की ओर भागने लगे जिनके गेहूं नहीं कटे हुए घबराहट कंपाइन मशीन की तलाश में जुट गए किसी तरह खून पसीने से सीजी गेहूं की फसल ही घर आ जाए भले ही भूसा ना आए ऐहार गांव निवासी किसान रामचरन यादव रामकृष्ण राजा राम सुशील कुमार शुक्ला सधन त्रिवेदी विकास शुक्ला राम आसरे शर्मा मुरलीधर गौड शीतल पाल आदि ने बताया कि भैया अभी तक एक दाना गेहूं का घर नहीं आया आज मौसम के बदलते मिजाज से धड़कन बढ़ गई है। आनन-फानन मशीन ढूंढ कर गेहूं कटवा रहा हूं। तकरीबन पूरे क्षेत्र के किसानों का हाल यही है।

अनुज मौर्य/सन्दीप फ़िज़ा रिपोर्ट

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