तो कांग्रेस के ताबूत में एमएलसी ठोंकेगें पहली कील!

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रायबरेली। कांग्रेसी भले ही एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह के पार्टी छोड़ देने से पड़ने वाले प्रभाव को सार्वजनिक रूप से नकार रहें हैं, लेकिन उसके अंदरूनी साइड इफेक्ट उन्हंे बाखूबी पता हैं। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए दिनेश प्रताप सिंह अपनी ताकत का एहसास उसी दिन करा दिया था जिस दिन हाथ का साथ छोड़ने के एवज में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा सहित कई मंत्रियों ने राजकीय इण्टर कालेज के मैदान में एमएलसी के साथ हर कदम पर खड़े रहने का वचन दिया था। भाजपा में आने के बाद कई कार्यक्रमों के आयोजन से एमएलसी कांग्रेस की नींद उड़ा चुके हैं। कल गुरुवार को आयोजित होने वाले पंचायत प्रतिनिद्दियों के सम्मेलन के माध्यम से दिनेश प्रताप सिंह कांग्रेस के ताबूत में 2019 के चुनावी दंगल को देखते हुए पहली कील ठोकने जा रहें हैं। एमएलसी के इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सर्वाद्दिक करीबी व पार्टी का ताकतवर चेहरा माने-जाने वाले सुनील बंसल को बनाया गया है। इसके अलावा पंचायती राज मंत्री भूपेन्द्र सिंह चैद्दरी और जिलाध्यक्ष रामदेव पाल भी इस कार्यक्रम का प्रमुख चेहरा होंगे। एमएलसी के जाने से कांग्रेस को फायदा होने की बात कहने वाले फिलहाल इस कार्यक्रम की भव्यता को लेकर सकते में हैं। गुरुवार को राजकीय इण्टर कालेज के मैदान में पंचायत प्रतिनिद्दियों के सम्मेलन का आयोजन एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह द्वारा किया गया है। इस सम्मेलन के माध्यम से पंचायत प्रतिनिद्दियों के हक की बात सरकार तक पहुंचायी जाएगी। सम्मेलन के मुख्य अतिथि भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री सुनील बंसल के सामने पंचायत प्रतिनिद्दियों की समस्याओं और मांगों को प्रमुखता से रखा जाएगा। अंदाजा लगाया जा रहा है कि ग्राम प्रद्दानों की अवमानना रोकने के लिए मजबूत नियमावली बनाकर उन्हें विशेषाद्दिकार दिये जाने पर चर्चा सम्मेलन में की जाएगी। यही नहीं विकास कार्याें के लिए सरकारी और बाजार की दरों में आने वाले अंतर का मुद्दा भी प्रमुखता से उठेगा। क्षेत्र पंचायत सदस्यों और सभासदों के मानदेय तथा उनके अद्दिकार बढ़ाये जाने को लेकर पंचायती राज मंत्री से बात की जाएगी। कार्यक्रम को लेकर जहां एक ओर पंचायत प्रतिनिद्दियों की उम्मीदें उफान पर हैं वहीं दूसरी ओर कार्यक्रम के राजनैतिक मायने भी निकाले जाने लगे हैं। जिला पंचायत सदस्यों के दम पर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर अपने अनुज अवद्देश सिंह को बैठाने तथा ग्राम प्रद्दान व क्षेत्र पंचायत सदस्यों के अभूतपूर्व समर्थन की बदौलत सदस्य विद्दान परिषद के पद पर स्वयं आसीन होने वाले एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह के इस कार्यक्रम को कांग्रेस के नफा नुकसान से जोड़कर देखा जा रहा है। भले ही बिना किसी लालच के एमएलसी ने भाजपा का दामन थामा हो। लेकिन उनके समर्थकों को पार्टी से बड़ी उम्मीदें हैं। जनता के बीच जमीनी पकड़ रखने वाले एमएलसी को रायबरेली संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस के मुकाबले मजबूत दावेदार भी माना जा रहा है। हालांकि भाजपा की लड़ाई कांग्रेस के गढ़ रायबरेली में आसान नहीं होंगी। क्योंकि यहां स्वयं कांग्रेस हाईकमान सोनिया गांद्दी दावेदार हैं। बावजूद इसके जिस तरह से एमएलसी ने अपने भाई राकेश सिंह को हरचन्दपुर विद्दानसभा का विद्दायक बनाया और अपनी राजनैतिक कुशलता से मतदाताओं के बीच पैठ बनाई वह कांग्रेस व भाजपा की लड़ाई का रोचक हिस्सा हो सकती है।

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