दीन दयाल उपाध्याय के मूर्ति स्थल के विस्तार के लिए जबरन हटाई नेहरू की मूर्ति, कांग्रेसियों ने किया हंगामा

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कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने क्रेन को रोककर योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उस पर बदले की भावना और भेदभाव के साथ काम करने का आरोप लगाया. हंगामा करने वाले कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बीजेपी की सरकारें महापुरुषों की मूर्तियों का लगातार अपमान कर रही है.

इलाहाबाद: नेहरू-गांधी परिवार के पैतृक शहर इलाहाबाद में आज देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की मूर्ति को क्रेन के जरिये जबरन हटाए जाने पर जमकर हंगामा मचा. नेहरू की यह मूर्ति उनके पैतृक आवास आनंद भवन के बाहर से महज इसलिए हटाई गई क्योंकि पड़ोस में लगी जनसंघ के अध्यक्ष रहे पंडित दीन दयाल उपाध्याय के मूर्ति स्थल का विस्तार किया जाना था.

दीनदयाल उपाध्याय के मूर्ति स्थल के विस्तार के लिए पंडित नेहरू की मूर्ति पर रस्सी और बोरियां बांधकर क्रेन के जरिये हटाया गया जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू कर दिया. कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नाराज़गी नेहरू के मूर्तिस्थल को जूते और चप्पल पहने हुए मजदूरों से तोड़वाए जाने पर ज़्यादा रही.

हटाई गई पंडित नेहरू की मूर्ति साल 1995 में लगाई गई थी, जिसका उदघाटन तत्कालीन गवर्नर मोतीलाल बोरा ने किया था. पंडित दीन दयाल उपाध्याय की मूर्ति साल 1991 में लगाई गई थी, जिसके उद्घाटन समारोह में यूपी के तत्कालीन सीएम कल्याण सिंह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. मुरली मनोहर जोशी और नेता बीजेपी संसदीय दल लाल कृष्ण आडवाणी ने किया था. पंडित नेहरू की हटाई गई मूर्ति को शाम को पड़ोस में ही एक जगह पर शिफ्ट कर दिया गया.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने क्रेन को रोककर योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उस पर बदले की भावना और भेदभाव के साथ काम करने का आरोप लगाया. हंगामा करने वाले कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बीजेपी की सरकारें महापुरुषों की मूर्तियों का लगातार अपमान कर रही है. इलाहाबाद में आनंद भवन के बाहर से नेहरू की मूर्ति को अपमानजनक तरीके से हटाया जाना एक विचारधारा को ख़त्म किये जाने की साजिश है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इसके खिलाफ शुक्रवार से आंदोलन की शुरुआत की जाएगी.

नेहरू की मूर्ति को क्रेन से जबरन हटाए जाने की घटना के दौरान सैकड़ों की तादात में तमाशबीनों की भीड़ जुटी रही. नेहरू की इस हटाई गई मूर्ति को पड़ोस में ही दूसरी जगह लगाया जाएगा. इस बारे में सरकारी अमला कैमरे पर कुछ भी बोलने से साफ़ बचता नजर आया. अफसरों की दलील है कि चौराहे के सौंदर्यीकरण की वजह से ऐसा करना ज़रूरी था. हालांकि उनके पास इस बात का कोई जवाब नहीं है कि सौंदर्यीकरण के लिए दीनदयाल उपाध्याय के मूर्ति स्थल और बीजेपी सांसद श्यामाचरण गुप्ता के बंगले से कोई छेड़छाड़ क्यों नहीं की गई.

इलाहाबाद में पंडित नेहरू के पैतृक आवास आनंद भवन से महज सौ मीटर की दूरी पर बालसन चौराहे पर तीन अलग-अलग पार्कों में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और जनसंघ के अध्यक्ष रहे पंडित दीन दयाल उपाध्याय की मूर्तियां लगी हैं. कुंभ मेले के मद्देनजर इलाहाबाद में इन दिनों चौराहों के सौंदर्यीकरण और चौड़ीकरण का काम चल रहा है. विकास प्राधिकरण ने बालसन चौराहे पर पंडित दीन दयाल उपाध्याय के मूर्ति स्थल को बढ़ाकर उसे नेहरू के मूर्ति स्थल तक बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया है. इसके बाद की जगह पर सड़क बनाकर रास्ता तैयार किया जाएगा.

प्राधिकरण ने इसके लिए ही बृहस्पतिवार को दोपहर में नेहरू की मूर्ति को हटाने का काम शुरू किया. इसके लिए जो तरीका अपनाया गया, उस पर भी सवाल उठ रहे हैं. सम्मानजनक तरीके से मूर्ति हटाए जाने के बजाय उसे चेहरे के साथ बोरे में लपेट दिया गया.

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