पराली एवं अन्य अपशिष्ट जलाने वालो पर हो रही दण्डात्मक कार्यवाही : डीएम

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  • पराली जाने 36 व्यक्तियों पर एफआईआर, 4 लेखपाल निलम्बित, 2 एसडीएम स्पष्टीकरण सहित एसडीएम महराजगंज को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि

  • पराली रोकथाम के लिए कंट्रोल रूम नं0 0535-2203320 पूरी तरह सक्रिय

  • किसान पराली व गन्ने पतई अवशिष्ट न जलाये, समुचित प्रबन्धन कर तैयार करे कम्पोस्ट खाद तथा निराश्रित गौशालाओं को दें : शुभ्रा सक्सेना

रायबरेली। जिलाधिकारी शुभा सक्सेना ने बचत भवन के सभागार कक्ष में पराली न जलाये जाने के सम्बन्ध में घटनाओं को रोकने हेतु बताया कि किसान पराली/गन्ने की पतई अपशिष्ट को न जलाये एवं कृषि अपशिष्टों को समुचित प्रबन्धन कर कम्पोस्ट खाद तैयार करें साथ ही पराली को अपने नजदीकी निराश्रित गौशालाओं में उपलब्ध कराये। पराली जलाये जाने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार व एनजीटी पूरी तरह से गम्भीर है। पराली व कृषि अपशिष्ट जैसे गन्ने की सूखी पत्ती या फसलों के डंठल इत्यादि भी न जलायें। माननीय राष्ट्रीय हरति न्यायाधिकरण द्वारा पारित आदेश में कृषि अपशिष्ट को जलाये जाने वाले व्यक्ति के विरूद्ध नियमानुसार अर्थदण्ड अधिरोपित किये जाने के निर्देश है। 2 एकड़ से कम भूमि वाले कृषकों के लिए रू0 2500 प्रति घटना, 2 एकड़ से 5 एकड़ भूमि रखने वाले लघु कृषकों के लिए रू0 5000 प्रति घटना, 5 एकड़ से अधिक भूमि रखने वाले बडे कृषको के लिए रू0 15000 प्रति घटना है। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण अधिनियम की धारा-15 के अन्तर्गत पारित उक्त आदेशों का अनुपालन अत्यन्त आवश्यक है अन्यथा इसी अधिनियम की धारा 24 के अन्तर्गत आरोपित क्षतिपूर्ति की वसूली और धारा-26 के अन्तर्गत उल्लघंन की पुनरावित्त होने पर करावास एवं अर्थदण्ड आरोपित किया जाना प्राविधनित है एवं एक्ट संख्या 14/1981 की धारा 19 के अन्तर्गत अभियोजन की कार्यवाही कर नियमानुसार कारावास या अर्थदण्ड या दोनों से दण्डित कराया जायेगा। उक्त आदेश के अनुपालन में लेखपाल द्वारा क्षतिपूर्ति की वसूली की धनराशि सम्बन्धित से भू-राजस्व के बकाया की भांति की जायेगी।

जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने बताया कि जनपद में 36 प्रकरणों पर तहसील स्तर से दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराते हुए 90 हजार से अधिक जुर्माना वसूल किया गया है साथ ही सम्बन्धित 4 लेखपालों को निलम्बित भी किया गया है एवं 15 लेखपालों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही के साथ ही दो उपजिलाधिकारी महराजगंज एवं सलोन से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। पराली जलाये जाने के सबसे अधिक प्रकरण महराजगंज तहसील में पाये जाने के कारण वहां के एसडीएम को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि भी दी गई है। अबतक 80 टन से अधिक पराली को गोशालाओं में भी उपलब्ध कराया गया है। ग्राम सभा की बैठक में पराली प्रबन्धन एवं पराली एवं कृषि अपशिष्ट जैसे गन्ने की पत्ती/गन्ना, जलाने पर लगने वाले अर्थदण्ड एवं विधिक कार्यवाही के बारे में बताया जा रहा है कि कोई भी व्यक्ति कृषि अपशिष्ट को नही जलायेगा तथा कृषि अपशिष्ट जलाने पर तत्काल सम्बन्धित थाने पर सूचना दी जायेगी एवं आर्थिक दण्ड विधिक कार्यवाही करायी जायेगी।

जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने जनपद में पराली व कृषि अपशिष्ट जलाने की घटनाओं पर कई किसानों व व्यक्तियों को नोटिस एवं कार्यवाहियां की गई है और इन व्यक्तियों पर अर्थदण्ड अधिरोपित करने का कार्य भी किया जा रहा है। 36 व्यक्तियों व किसानों पर एफआईआर व कई लेखपालों को निलम्बन/विभागीय कार्यवाही भी की गई है। पराली और कृषि अपशिष्ट न जलाने पर तहसील व विकास खण्ड, ग्राम स्तरों पर जागरूकता कार्यक्रम चलाकर आम आदमी को जागरूक भी कराये जाने के पूर्व में ही निर्देश दिये गये है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने पर पूरी तरह से शासन द्वारा पाबंदी लगाई गई है। शासन के निर्देशानुसार जनपद में पराली जाने पर कड़ी से अनुपालन भी कराया जा रहा है। प्रभावी नियंत्रण हेतु जनपद स्तर पर अपर जिलाधिकारी वि0रा0 एवं तहसील स्तर पर एसडीएम के नेतृत्व में संचल दल का गठन किया गया है। पराली न जलाये जाने के सम्बन्ध में कंटोल रूम की स्थापना की गई है। जिसका दूरभाष नं0 0535-2203320 है। अन्य जानकारियां भी जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना व मुख्य विकास अधिकारी राकेश कुमार ने भी दी। इस मौके पर एडी सूचना प्रमोद कुमार, उप कृषि निदेशक, जिला कृषि अधिकारी सहित बड़ी संख्या में मीडिया बन्धु भी उपस्थित थे।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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