महराजगंज (रायबरेली)। वीवीआईपी जनपद कहे जाने वाले सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र में जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा सरकार के दावों की हवा निकाली जा रही है। सरकार के लाख दावों के बावजूदजरूरतमंद एवं पात्र व्यक्तियों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। योजनाओं का लाभ सिर्फ पहुंच वाले व्यक्तियों तक सिमट कर रह गया है। सरकार का दावा है कि जरूरतमंद और कच्चे जर्जर मकानों में रह रहे पात्र व्यक्तियों को पीएम आवास से लाभांवित किया जा रहा है। किंतु हकीकत कुछ और ही है। जिम्मेदार अधिकारियों, कर्मचारियों की खाऊ-कमाऊ और ढुलमुल नीति के चलते गरीब जरूरतमंद एवं पात्र व्यक्ति योजनाओं से वंचित हैं। महराजगंज ब्लॉक अमावां क्षेत्र के ग्राम कलन्दर गंज ,पूरे सूबेदार मजरे बावनबुजर्ग बल्ला गांव की जहां कच्चे मकानों में रह रहे कई परिवार बारिश के कहर से घरों के धराशाई होने से बेघर हो गए हैं। आलम यह है कि पंचायत मंत्री, प्रधान की चौखट से लेकर ब्लॉक के चक्कर काटते-काटते पीडि़तों के तलवों की खाल घिस गई है, किन्तु ब्लॉक की ओर से कोई जिम्मेदार अधिकारी घरों की जांच करने नहीं पहुंचा। बताते चलें कि कलन्दरगंज के रहने वाले दुर्जन रैदास अपने परिवार के साथ कच्ची जर्जर झोपड़ी में जीवन यापन कर रहे थे। किंतु पिछले दिनों हुई बेरहम बारिश ने उनका वह आशियाना भी छीन लिया और किसी तरह अपना जीवन यापन कर रहे है वही पूरे सूबेदार मजरे बावनबुजर्ग बल्ला के रहने वाले बुधराम अपने घास-फूस की झोपड़ी में अपने परिवार के साथ रहने पर मजबूर है। आलम यह है कि जरा सी बारिश हो जाने पर फूस की झोपड़ी में कपड़े बचाना भी मुश्किल हो जाता है। लोगों का कहना है कि ग्राम प्रधान पंचायत मंत्री से लेकर खंड विकास अधिकारी तक आवास के लिए कई बार गुहार लगाई। किंतु किसी ने उनकी एक नहीं सुनी। इस बारे मे परियोजना अधिकारी से वार्ता करने पर उन्होंने बताया कि जांच करवाकर पात्रों को लाभ दिलाया जायेगा।