पालतू पशुओं को छुट्टा छोड़ने पर जुर्माना एवं कार्रवाई के लिए अब रहे तैयार:उपजिलाधिकारी

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ऊंचाहार रायबरेली
बृहस्पतिवार को ऊंचाहार तहसील में उप जिलाधिकार केशव नाथ गुप्ता के द्वारा प्रभारी पशु चिकित्सा अधिकारी ऊंचाहार जगतपुर रोहनिया खंड विकास अधिकारी एडीओ पंचायत अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत ऊंचाहार एवं तहसील के अधिकारियों के साथ आवारा एवं छुट्टा पशुओं तथा गौशालाओं के प्रगति की समीक्षा बैठक संपन्न हुई जिसमें अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत ऊंचाहार के द्वारा बताया गया कि कान्हा गौशाला के लिए भूमि एवं धनराशि का आवंटन हो गया है जिसमें एक करोड़ 65 लाख में से 82 लाख रूपये प्रथम किस्त प्राप्त हो गई है टेंडर की प्रक्रिया लगभग पूर्ण हो गई है। जल्दी पट्टी रहस कैथवल में कान्हा गौशाला का निर्माण प्रारंभ कर दिया जाएगा ।इसमें पांच सौ आवारा पशुओं को रखने की व्यवस्था की गई है साथ ही विकासखंड जगतपुर के सुदामापुर में वर्तमान में 200 पशुओं के रखने की व्यवस्था है जिसमें से इस समय 100 पशु रखे गए हैं। जिला पंचायत के द्वारा शीघ्र ही दो अतिरिक्त सेट का निर्माण पूर्ण करने पर इसमें 200 आवारा एवं छुट्टा पशु रखे जाएंगे। रोहनिया विकास खंड क्षेत्र के परसीपुर में 50 पशु रखे गए हैं ।सभी पशुओं को चारा पानी और छाया की समुचित व्यवस्था है ।किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। जगतपुर विकास खंड क्षेत्र के धूता में निर्माणाधीन अस्थाई अस्थाई गौशाला का निर्माण अंतिम चरण में है ।शीघ्र ही शेड डालकर इसमें भी पशुओं को रखा जाएगा । साथ ही उपजिलाधिकारी के द्वारा शासन की नीति से अवगत कराते हुए बताया गया कि एक पशुपालक को अधिकतम चार पशु गौशाला से ले जाकर रखने का प्रावधान है। पशुपालकों को प्रत्येक गोवंश पर रुपए 30 प्रतिदिन की दर से चारा आदि के लिए उन्हें दिया जाएगा इस प्रकार एक किसान 4 जानवरों को पाल कर ₹3600 धनराशि प्रति।माहअर्जित कर सकता है। किंतु पशु चिकित्सा अधिकारी के द्वारा इस कार्य में रुचि न लेने के कारण प्रगति बहुत खराब पाएगी ।उप जिला अधिकारी के द्वारा सभी पशु चिकित्सा अधिकारियों खंड विकास अधिकारियों एवं तहसील कर्मचारियों को निर्देशित किया गया कि शासन की इस नीति का व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए और लोगों को प्रेरित किया जाए कि आवारा पशुओं को पालकर लाभ अर्जित करें ।उप जिलाधिकारी ऊंचाहार के द्वारा पशु चिकित्सा अधिकारी अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत एवं खंड अधिकारी को यह भी निर्देश दिया गया कि यदि किसी पशुपालक द्वारा अपना निजी पशु दूध दुहने या काम लेने के बाद उन्हें सड़कों पर या खेतों में चरने के लिए छोड़ दिया जाएगा तो नियमानुसार उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी और उनसे जुर्माना की वसूली भी की जाएगी ।पशुओं के मृत्यु के स्थिति में उनके अंतिम संस्कार के निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी स्थिति में गोवंश का शव सड़क या खेत में या सार्वजनिक स्थान पर खुला हुआ नहीं मिलना चाहिए और ना ही उसे हिंसक जानवर या पशु पक्षी शव को क्षत-विक्षत करने पाए । उपजिलाधिकारी के द्वारा यह भी बताया गया कि जो लोग पशुओं को वह जानबूझकर के प्राइमरी स्कूल पंचायत घर अथवा साधन सहकारी समिति के भवनों या विद्यालय के भवनों में ले जाकर बांध देते हैं उनके विरुद्ध भी नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और क्षति की उनसे वसूली भी की जाएगी ।उपजिला अधिकारी के द्वारा अधिकारियों को पशुओं के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण एवं उनके टीकाकरण और औषधि देने की भी निर्देश दिए गए।

अनुज मौर्य मनोज मौर्य रिपोर्ट

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