आंदोलन की दी चेतावनी,उत्तर प्रदेश में निजी स्कूलों में फीस वसूली का मामला.
वाराणसी:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के अभिभावकों ने शुक्रवार दोपहर बाद राजातालाब स्थित एक वाटिका में बैठक कर प्रदेश सरकार को चेतावनी दी है कि अगर सरकार निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर रोक व इन स्कूलों व संस्थानों के नियमन के लिए तुरंत अध्यादेश नहीं लाती तो बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा.
प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के मामले पर पूर्वांचल किसान यूनियन ने सरकार के खिलाफ जमकर गुब्बार निकाला है. सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं और आंदोलन की चेतावनी दी है. यूनियन के अध्यक्ष योगीराज सिंह पटेल ने कहा कि कोरोना आपदा के चलते किसान, मज़दूर और मध्यमवर्ग आर्थिक संकट से गुजर रहे है बावजूद निजी स्कूलों को लेकर मनमानी फीस वसूली और नियमन के लिए पिछले सत्र में कोई विधेयक सरकार ने निजी स्कूलों के प्रबन्धन के दबाव में आकर सदन में पेश नहीं किया. परेशान अभिभावकों में सरकार के प्रति आक्रोश और नाराज़गी हैं. सरकार से मांग की है कि निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए तुरन्त अध्यादेश लाया जाए. साथ ही इसमे मनमानी फीस वसूली पर रोक और नियमों को बनाकर निजी स्कूलों और संस्थानों के नियमन की व्यवस्था की जाए.
सरकार मनमानी रोकने में विफल
सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने कहा कि सरकार पिछले कई वर्षों से प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी रोकने में पूर्णतः विफल रही है. प्रदेश के छात्र व अभिभावकों के संगठन लम्बे समय से निजी स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि पर रोक व इनके नियमन के लिए ठोस कानून बनाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहें हैं, लेकिन सरकार एक ओर से आश्वासन दे रही है और दूसरी ओर से निजी स्कूलों को मनमानी फीस वसूली की खुलीं छूट दे रही है.
राजेंद्र पटेल ने कहा कि सरकार और उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा एक ओर बयान दे रहे थे कि लॉकडाउन के दौरान स्कूल तीन महीने की इकठ्ठा फीस न लेने और फीस बढ़ोतरी न करने का आदेश जारी किया था। हकीकत दावे से इतर है। इससे स्पष्ट हो गया है कि सरकार निजी स्कूलों के प्रबंधन के दबाव में आकर छात्रों व अभिभावकों के हितों से खिलवाड़ कर रही है. सरकार के इस लचर रवैये के कारण आज कई स्कूल मनमानी फीस व सभी चार्जेज के लिए दबाव बना रहे हैं और इनमें से कुछ स्कूल और संस्थान तो छात्रों व अभिभावकों को प्रताड़ित भी कर रहे हैं. अधिकांश स्कूलों ने आगामी वर्ष की फीस में भी बिना किसी से चर्चा कर ही 12 से 20 प्रतिशत तक फीस में वृद्धि कर दी है जोकि बिल्कुल भी न्यायोचित नहीं है.
जनता की परेशानी और बढ़ी
अभिभावक राजीव कुमार वर्मा, गणेश शर्मा, जैशलाल वर्मा ने कहा कि आज हम कोविड के कारण पहले ही आर्थिक संकट से जूझ रहे है और इस प्रकार की मनमानी से हमारी परेशानी और अधिक बढ़ गई है. सरकार ने जनता को कोविड काल मे किसी भी रूप में राहत प्रदान नहीं की है जबकि सरकार के पास करोड़ों रुपये राहत के लिए जमा हुए हैं. उन्होंने मांग की है कि जो स्कूल अपना खर्च वहन नही कर पा रहे हैं, उन्हें सरकार कोविड के लिए प्राप्त राहत राशि से सहायता प्रदान करे और निजी स्कूलों को केवल ट्यूशन फीस लेने और अगामी वर्ष स्कूल फ़ीस में वृद्धि पर भी रोक लगाने के तुरंत आदेश जारी करे. साथ ही चेतावनी दी है कि अगर सरकार निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूली पर रोक व इन स्कूलों व संस्थानों के नियमन के लिए तुरंत अध्यादेश नहीं लाती तो यूनियन छात्रों व अभिभावकों के संगठनों के साथ मिलकर आंदोलन करेगी. बैठक में सर्व श्री योगीराज सिंह पटेल, राजकुमार गुप्ता, राजेंद्र पटेल, राजीव कुमार वर्मा, गणेश शर्मा, जैशलाल वर्मा, आनंद कुमार सिंह, राजकुमार पटेल, पवन पटेल, चंदन पटेल, राजेश पटेल, मुकेश कुमार, सेवालाल पटेल, राहुल कुमार, बलवंत राय, प्रेमचन्द्र वर्मा आदि लोग उपस्थित थे।
राजकुमार गुप्ता रिपोर्ट