पुलिस हो तो ऐसी, पीड़ित अब खूब ढूंढ के लाए अपराधियों का नाम पता तो करेगी पुलिस फिर कार्यवाही

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फौजी के साथ 1 लाख 98 हजार की हुई टप्पेबाजी,20 दिन बाद भी पुलिस की कार्यवाही शून्य।

रायबरेली। जिले में अगल बगल के जनपदों से आने वाले टप्पेबाजों की शरणस्थली बन चुका जनपद रायबरेली।कारण यह है कि इन टप्पेबाजों के खिलाफ कोई ठोस सबूत न मिलना।डलमऊ में तो लगभग हर हफ्ते टप्पेबाजी हो रही है।वैसे जनपद के महराजगंज कस्बे में भी टप्पेबाजी अक्सर हुआ करती है,लेकिन आम जनमानस पुलिसिया कार्यवाही की हीलाहवाली के चलते सब ठंडे बस्ते में चला जाता है।

ऐसा ही पेचीदा मामला फंसा है महराजगंज कोतवाली क्षेत्र में हुई टप्पेबाजी का।

आइए आपको बताते है कि कब क्या हुआ ?

घटना 11 जून 2019 की है।हरचंदपुर थाना क्षेत्र के ढोढरी गांव निवासी सेवानिवृत्त फौजी ओमप्रकाश पाल (पूर्व महामंत्री भाजपा व वर्तमान जिलाध्यक्ष पाल समाज) महराजगंज गए।वहां उन्हें रुपये की आवश्यकता पड़ी।उन्होंने एसबीआई के एटीएम से पैसा निकालने गए,एटीएम काम कलन करने पर रूम में खड़े एक शख्स ने बताया कि एटीएम ऐसे रगड़ कर लगाए।ओमप्रकाश ने एटीएम लगाने के बाद ट्रांजेक्शन हुआ तो पैसा लेकर चले आये।लेकिन पैसा निकालने के समय कब एटीएम बदल गया पता ही नही चला।पीड़ित ने 13 जून को मोबाइल पर मैसेज पर नजर डाली तो कई मैसेज पैसे निकालने के दिखे।वह आनन फानन बैंक पहुँचा और एटीएम बंद करवाया,लेकिन तब तक 1 लाख 98 हजार 507 रुपये निकल चुके थे।इसके बाद महराजगंज कोतवाली में प्रार्थना पत्र दिया।दिनाँक 14 जून को एफआईआर दर्ज हुई।एफआईआर दर्ज होने के बाद भी महराजगंज कोतवाली पुलिस ने कोई कार्यवाही व पीड़ित से पूछताछ तक नही की।पीड़ित ने ट्रांजेक्शन डिटेल निकालकर उन जगहों पर गया,जहां जहां ट्रांजेक्शन हुआ और सीसीटीवी फुटेज निकाला।फिर 27 जून को पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह को आप बीती बताई।उन्होंने तत्काल एसओ साइबर सेल से मिलकर डिटेल व सीसीटीवी फुटेज मुहैया कराई।साइबर सेल से महराजगंज कोतवाली को जांच करने को बोला गया।किन्तु जब पीड़ित पहुँचा तो कोतवाल लालचंद सरोज ने दरोगा इरफान अहमद को साथ मे लगा दिया,दरोगा साहब ने एसबीआई एटीएम जाकर जांच पूर्ण कर ली।बोले कि टप्पेबाजों के नाम पता बता दो गिरफ्तारी संभव है।दूसरे जिले पुलिस जा ही नही सकती है।उधर कोतवाल लालचंद सरोज ने कहा कि कप्तान आफिस कैसे पहुँच गए,यहाँ क्यों नही आये।अब कोतवाल साहब को कौन बताये की सीसीटीवी कैमरे का बैकअप किसी के यहाँ हफ्ते, 15 तो किसी के यहां 30 दिन होता है।दोबारा से पीड़ित कप्तान सुनील कुमार सिंह से फिर मिला तो कप्तान साहब ने सीधे कोतवाल को पीड़ित की सहायता करने को बोला, लेकिन महराजगंज कोतवाली पहुँचने पर सरकारी वाहन नही होने का रोना रोया गया।पीड़ित को बोला गया कि प्राइवेट वाहन कीजिये तो हम प्रतापगढ़ तक प्रत्येक जगह जांच करेंगे।

अब सोचिए कि इसी हीलाहवाली की वजह से कई जगह की सीसीटीवी फुटेज नही मिल पाई,लगभग दो लाख रुपये भी चले गए।ऊपर से लगभग 10 हजार फिर खर्च होंगे प्राइवेट वाहन,चाय-नाश्ता,भोजन में।जरूरी यह भी नही कि अपराधी मिलेंगे या उनके पास टप्पेबाजी के रुपये मिलेंगे।

यही है महराजगंज कोतवाल का पुलिसिया न्याय।शायद नही मिलेगा न्याय,होती रहेगी जिले में टप्पेबाजी घटनाएं।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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