पैदल भूखे प्यासे घर लौट रहे प्रवासियों की भूख मिटा रहा है एसिड पीड़िताओं का यह संगठन

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अब तक सात हजार से अधिक जरुरतमंदों, बेसहारों, प्रवासियों, मजदूरों को बांटा राहत सामग्री

वाराणसी: रोहनियां/राजातालाब देशभर में लॉकडाउन के दौरान पेट की भूख मिटाने के लिए अपनों से मीलों दूर रोजी रोटी की तलाश में अन्य राज्यों, शहरों, महानगरों से अपने गांव पैदल लौट रहे प्रवासी मजदूरों को खाद्य वस्तुएं उपलब्ध कराने के लिए एक्शन एड एसोसिएशन ने रेड ब्रिगेड ट्रस्ट के साथ मिलकर मुहिम शुरू की है। जनपद के अजय पटेल रेड ब्रिगेड ट्रस्ट व एसिड पीड़ितों के स्वामित्व में संचालित आरेंज कैफे के साथ एक्शन एड एसोसिएशन ने प्रवासी मजदूर परिवारों को हजारो से अधिक खाने के पैकेट बांटे। लॉक डाउन के प्रथम और द्वितीय चरण में 7000 भोजन के पैकेट बांटे। लॉक डाउन के तीसरे चरण में
रेड ब्रिगेड ट्रस्ट और आरेंज कैफे ने मोहनसराय बाईपास से होकर हाइवे पर पैदल, सायकिल से लौट रहे प्रवासियो और अस्थायी रूप से ठहरे हुए सैकड़ों प्रवासी मजदूर परिवारों को तैयार खाने के पैकेट बांट रहे है। प्रवासी मजदूर परिवारों के लिए भोजन दुर्गाकुंड स्थित आरेंज कैफे मे एसिड पीड़ितों द्वारा तैयार किया गया। एक्शन एड के राज्य प्रभारी खालिद चौधरी ने कहा कि विश्व स्तर पर कोरोना वायरस ने शक्तिशाली देशों को भी घुटनों के बल ला दिया है। ऐसे में हम सबका दायित्व बनता है कि देश पर आए संकट की घड़ी में हर जरूरतमंद तक खाद्य सामग्री और भोजन पहुंचाने में मदद के लिए आगे आएं। रेड ब्रिगेड ट्रष्ट के प्रमुख अजय पटेल ने कहा कि लॉकडाउन में हजारों प्रवासी मजदूर परिवार अपनी रोजी रोटी की तलाश में घर से बाहर आए हुए हैं। इनकी मदद हमारी जिम्मेदारी है। सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता ने बताया कि कोरोना वायरस के संकट ने प्रवासी मजदूरों के सामने भोजन की विकट परिस्थिति पैदा कर दी है। इसलिए संगठन इन प्रवासी मजदूरों को खाने के पैकेट उपलब्ध करा रहा है। खाने के पैकेट वितरण के दौरान प्रियंका भारती, अजय पटेल, शिवांशु श्रीवास्तव, सुमन भारती, बदमा देवी, आस्था कुमारी, विशाल कुमार, अभिषेक, दिनेश, ओम कुमार, राजकुमार गुप्ता सहित अन्य साथियों का सहयोग रहता है।
लॉक डाउन के दौरान रेड ब्रिगेड ट्रस्ट ने इस संकट की घड़ी में प्रशासन और सरकार के साथ मिलकर प्रवासी मजदूरों को पके हुए खाने के पैकेट बांटने का संकल्प लिया है। जब तक लॉक डाउन रहेगा, तब तक प्रवासी मजदूर परिवारों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। इस कार्य में जिला व पुलिस प्रशासन का भी पूरा सहयोग मिल रहा है।
रिपोर्ट -राजकुमार गुप्ता

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