प्रभु सुमिरन से भवसागर पार कर सकता है मनुष्य-स्वामी परमानन्द महाराज

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सलोन,रायबरेली।सलोन नगर के रामलीला मैदान में आयोजित दस दिवशीय श्रीमद भागवत कथा के दूसरे दिन भगवान के 24 अवतारों का गुणगान कथाव्यास परमानंद जी महाराज ने किया।उन्होंने धार्मिक ग्रंथो में वर्णित अवतारों के बारे में बताया कि कहीं पर 24 तो कहीं पर दसावतार की कथा बताई जाती है लेकिन अवतारों की संख्या की गणना संभव नहीं है, क्योंकि जितने भक्त होते हैं उतने ही अवतार होते हैं।उन्होंने कथा कहते हुए बताया कि अगर प्रभु नाम सुमिरन करते है तो भवसागर से पार पाया जा सकता है।इससे पहले गुरु के जीवन पर प्रकाश डालते हुए गुरु की महत्व को बताया।श्री महाराज परमानंद जी कहा कि गुरूकी महत्ता हमारे जीवन में अनुपम है।क्योंकि गुरू के बिना व्यक्ति जीवन का सार ही नहीं समझ सकता है लेकिन हमेशा इस बात का सदैव ही ध्यान रखना चाहिए कि गुरू के समक्ष चंचलता नहीं करनी चाहिए।जितनी आवश्यकता है उतना ही बोलें और जितना अधिक हो सके गुरू की वाणी का श्रवण करें।इस मौके पर श्रद्धालु भजन कीर्तन पर जमकर तालिया बजाई।

प्रदीप गुप्ता रिपोर्ट

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