फरियादियों की समस्याओं को गम्भीरता पूर्वक लेकर गुणवत्ता पूर्वक निस्तारण किया जाये : जिलाधिकारी

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रायबरेली। रक्तदान के प्रति लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करने की जरूरत है समाज के प्रत्येक व्यक्ति को यह जानना जारूरी है कि रक्तदान करने से शरीर पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है बल्कि ऐसा करने से नए रक्त के बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती। रक्तदान कार्यक्रम निरंतर चलने वाला कार्यक्रम है कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से ब्लड डोनेशन/ब्लड बैंक कक्ष में आकर जिला अस्पताल सीएमएस/प्रभारी, ब्लड कक्ष प्रभारी से मिलकर रक्तदान कर सकता है। सन्देश जाये कि स्वेच्छा से रक्तदान करें तथा किसी जरूरतमन्द की मदद में आगे आएं। चिकित्सकों से समय-समय पर सलाह लेकर व्यक्ति को अपने आचार, विचार तथा आहार आदि में भी तब्दीली लानी चाहिए। आहार में फलों, शाक, सब्जियों, फलियों, विटामिनों और खनिजयुक्त खाद्य पदार्थो पर ध्यान देना चाहिए। अनाजों व कार्बोहाइड्रेडयुक्त अन्य खाद्य पदार्थो को वरीयता दें। कम वसा वाले डेयरी उत्पाद भी ग्रहण करने योग्य हैं। दूध जो बाजार में पैकेट में बिकते है उनकी तिथि गुणवत्ता आदि को भी देख लें। पानी अधिक पीयें। क्योंकि अधिक पानी पीने से शरीर से हानिकारक पदार्थ अच्छी तरह निकल जाते हैं। तनावमुक्त रहे, न किसी को तनाव दें, न ही तनाव लें। दिनचर्या में हल्का व्यायाम, योग, घूमना, टहलना आदि भी शामिल करें। खानपान में संयम बरतकर वजन पर नियन्त्रण रखें। विगत दिनों जिला अस्पताल में जनपद की जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना सहित एक संस्था के दर्जनों लोगों द्वारा रक्तदान किया गया जिससे हम सभी को रक्तदान बढ़-चढ़ कर करने की प्रेरणा लेनी चाहिए।

जिलाधिकारी शुभ्रा सक्सेना ने कलेक्ट्रेट कक्ष में फरियादियों की समस्या सुनते हुए निर्देश दिये कि फरियादियों की समस्याओं को गम्भीरता पूर्वक लेकर गुणवत्ता पूर्वक निस्तारण किया जाये। इसके अलावा उनके स्वास्थ्य सम्बन्धी यदि सटीक जानकारियां आपके अधिकारियों के पास हो तथा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दें। रक्तदान महादान है और यह मानवता को एक सूत्र में बांधने का कार्य करता है सभी के रक्त का रंग लाल ही होता है और मानवता धर्म का कोई मूल्य नहीं होता। यह अमूल्य है, हम सबको को एकजुट होकर मानवता का एकसूत्र करके मानव जीवन को बचाने के कार्य में आगे आना चाहिए। स्वैच्छिक रक्तदान व जागरूकता कार्यक्रम निरंतर चलने चाहिए तथा सभी एमओआईसी को अपने-अपने क्षेत्र में अधिक से अधिक जागरूकता लाकर आमजन को रक्तदान के प्रति प्रेरित करना चाहिए, जरूरतमंद को रक्त की जरूरत है तो इसकी पूर्ति रक्त से ही पूर्ति संभव है। स्वैच्छिक रक्तदान अधिक से अधिक किया जाये क्योकि यह गरीब जरूरतमंद को आसानी से उपलब्ध कराया जा सके। हर व्यक्ति को समय समय पर स्वेच्छा से जनहित में रक्तदान करना चाहिए। रक्तदान करने से हम अपने शरीर में नए रक्त के निर्माण की प्रक्रिया को बेहतर बना सकते हैं। शरीर में रक्त में पायी जाने वाली लाल रूधिर कणिकाएं 90 दिनों के बाद अपने आप नष्ट हो जाती हैं तथा श्वेत रूधिर कणिकाएं जो कि हमारे शरीर की कई तरह की बीमारियों से बचाती हैं वो भी एक सप्ताह के बाद नष्ट हो जाती हैं। ये दोनों ही रूधिर कणिकाएं रक्तदान के बाद नए सिरे से बनने लगती हैं। स्वेच्छा से रक्तदान करें व मानवहित में सहयोग करें। रक्तदान करने से पूर्व ब्लडप्रेशर आदि भी चेक करवा लेना चाहिए।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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