फुटपाथों पर प्रकृति की पीड़ा का दर्द झेलने वालों को डीएम ने दिए कंबल

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Raebareli News : फुटपाथों पर प्रकृति की पीड़ा का दर्द झेलने वालों को डीएम ने दिए कंबल

रायबरेली। ‘नहिं दरिद्र सम दुख जग नाहीं’ और ‘परहित सरिस धर्म नहिं भाई’ इन दो अर्धालियों में महात्मा तुलसीदास ने मानस में गरीबी को सबसे बड़ा दुख बताया है, साथ ही गरीबों के प्रति समर्पण व सहानुभूति को सबसे बड़े धर्म के रूप में परिभाषित किया है। काश! ऐसे मानवीय चिन्तन को आत्मसात् किया जा सकता तो समाज से गरीब व गरीबी समाप्त हो जाने की परिकल्पना साकार हो जाती।…..लेकिन जिन धर्मवान व कर्मवान लोगों की परोपकारी सोंच व गरीबों के प्रति समर्पण की दम पर मानवता व इंसानियत जैसे शब्दों का वजूद बचा हुआ है उनमें रायबरेली के जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री जैसे सच्चे लोकसेवक के जनहितैषी सेवाभाव का जिक्र होना लाजिमी है। बिना किसी लाव लश्कर व आडंबर के फुटपाथ पर ‘पूस के जाड़े’ की रातें गुजार रहे असहाय लोगों के बीच जाकर उन्हें कंबल से ढक कर ठिठुरन से बचाने वाले इस वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के समर्पण भाव की ऐसी ही कई गतिविधियां किसी भी क्षेत्र में सेवा का मकसद लेकर आने वाली शख्सियत के लिए अनुकरणीय आदर्श बन सकती हैं।

शुक्रवार की ठिठुरन भरी रात में जब सुविधा सम्पन्न लोग गर्म बिस्तर पर मीठी नींद ले रहे होंगे, तब जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री केवल अर्दली व चालक के साथ अपनी कार में कंबल लाद कर फुटपाथों पर प्रकृति की पीड़ा का दर्द झेल रहे उन निराश्रित गरीबों के बीच पहुंच गये, जिनकी सेवा का स्वांग खेल कर तमाम मुखौटे मालामाल हो गये। इसे जिलाधिकारी श्री खत्री की उदारता का जीवन्त प्रतिमान ही कहा जायेगा कि जिस माहौल में भीख भी दी जाती है, तो मुनादी करके, वहां उन्होंने गरीबों की निस्वार्थ सेवा शालीनता व समर्पण के साथ की। डीएम ने कंबल वितरण के लिए अस्पताल चौराहा, सुपर मार्केट, रेलवे स्टेशन जैसे स्थानों को चुना जहां बेसहारा जिन्दगियां ऐसे ही मददगारों की मदद की उम्मीद में वक्त काट रही। डीएम ने इन स्थानों परठंड से ठिठुर रहे 62 असहाय एवं गरीब वृद्धजन पुरूषों व महिलाओं को कंबल वितरित किये। उन्होंने एडीएम सभी एसडीएम को निर्देश दिये कि अपनी-अपनी तहसीलों क्षेत्रों में विशेष ध्यान दें। जनपद गरीब वृद्धों व असहायों को ठण्ड से बचाने के लिए समुचित प्रयास किये जायें। डीएम ने कहा कि सरकार यथा शक्ति गरीबों को ठंड से बचाने के लिए मदद कर रही है। उन्होंने स्वयंसेवी संगठनों व समाजसेवियों से भी अपील की है कि वह भी अपनी सामथ्र्य के अनुसार मदद करें। उन्होंने रैन बसेरों को पूरी तरह से दुरूस्त रखने के निर्देश दिए।

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