रायबरेली। बिजली विभाग की मनमानी और लापरवाही का खामियाजा विद्युत उपभोक्ताओं को भोगना आम बात सा हो गया।ज्ञात हो कि विनय कुमार त्रिवेदी पुत्र स्वर्गीय श्री शिव कुमार त्रिवेदी ने 2018 में 2 किलो वाट का बिजली कनेक्शन लिया है। जिसका पहला बिल 20 जुलाई को 95352रू आया जबकि मीटर रीडिंग में मात्र 1980 यूनिट ही बता रहा है। बिल देख उपभोक्ता ने बिल सुधार हेतु विभागीय कार्यालय जाकर प्रार्थना पत्र भी दिया । परंतु उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई इसके बावजूद बिल सुधार तो दूर की बात है 24 अगस्त को उसका बिजली कनेक्शन काट दिया गया ।जिसके तहत उपभोक्ता ने जब विभाग से और विभागीय अधिकारियों से जानकारी की और बिल ना जमा होने का कारण गलत बिल का आना बताया तो विभाग द्वारा उसे आश्वस्त किया गया कि आपका बिजली बिल सही कर दिया गया है अब आप ₹22000 जमा करवा दें तो आपका कनेक्शन जोड़ दिया जाएगा। जब उपभोक्ता ऑनलाइन पोर्टल पर जमा करने हेतु जानकारी करता है तो वहां अभी भी₹95352 ही शो कर रहा है उपभोक्ता की समझ में नहीं आ रहा है यह ₹22000 जमा करके कनेक्शन जुड़वा वे या पोर्टल पर सही जानकारी हेतु इंतजार करें। उपभोक्ता पोर्टल पर बिजली बिल सही ना दिखाने के कारण बिजली बिल भी जमा नहीं कर पा रहा है और इस गर्मी में कनेक्शन कटने के कारण मानसिक और शारीरिक परेशानी भी खेल रहा है जिसके लिए पूर्णतया बिजली का गलत बिल होना जिम्मेदार है। जिसका उत्तरदायित्व पूर्णतया बिजली विभाग का है उपभोक्ता ने बताया कि बिना किसी पूर्व सूचना के बिजली का कनेक्शन काट दिया गया है उपभोक्ता ने यह भी बताया कि मैं कई बार फोन पर और विभाग जाकर भी बिल सुधार हेतु गुजारिश कर चुका हूं। परंतु वहां पर बैठे कर्मचारी सिर्फ टालमटोल ही बता रहे थे जिसके कारण मैं बिल नहीं जमा कर पाया। बिजली विभाग की ऐसी मनमानी से तथा बिल में गड़बड़ी के चलते उपभोक्ताओं का परेशान होना अब आम बात हो गया है ऐसा लगता है । उपभोक्ता के अनुसार विभाग की मिलीभगत से जानबूझकर बिजली का बिल अधिक बनाया जाता है और सुधार करने के नाम पर उपभोक्ताओं से जेबें ढीली करवाई जाती है जिसके चलते उपभोक्ता शारीरिक मानसिक और आर्थिक रूप से विभाग द्वारा शोषित किया जाता है। बिजली विभाग के इस बड़े खेल में पूरा विभाग का गठजोड़ नजर आता है।
अनुज मौर्य/आशीष त्रिवेदी रिपोर्ट