ऊंचाहार (रायबरेली)। गांव में रहकर पढ़ना आज कल बहुत ही मेहनत का होता है क्योंकि गांव में रहने पर षिक्षा के साथ-साथ घरेलू व कृषि कार्य तक के देखरेख हो तो आप समझ सकते है कि क्या हो सकता है लेकिन गांव की एक बिटिया ने ऐसा कर दिखाया है जिसके कार्य से गांव में उसकी प्रषंसा हो रही है।
हम बात कर रहे है जिला रायबरेली से 40 किलोमीटर दूर ऊंचाहार ब्लाक के अन्तर्गत आने वाले गांव रामचन्द्रपुर की जहां पर प्रनू त्रिपाठी ने हाईस्कूल में 600 पूर्णांक में 508 अंक पाकर 85 प्रतिषत परिणाम हासिल किया है, जिनके पिता सूर्यकांत त्रिपाठी पीडब्लूडी में क्लर्क है मां रेनू त्रिपाठी गृहस्थ व छोटी बहन तान्या व सिमरन व भाई सूर्याषं भी निचले क्लासों में पढ़ रहे हैं। हालांकि प्रानू त्रिपाठी गांव से चार किलोमीटर दूर रामरती षिक्षा सदन बाबूगंज ऊंचाहार में हाईस्कूल की छात्रा थी जो अपने घरेलू कार्य के साथ साथ मवेषियों के देखरेख हेतु कृषि कार्य तक करती थी और तो और अपने छोटी बहनो व भाई को भी स्वयं पढ़ाती थी जिसके द्वारा कोई कोचिंग भी नहीं ज्वाइन किया गया और स्वयं की लगन व मेहनत से गांव की बिटिया से 85 प्रतिषत गांव मे रहकर अंक हासिल करने पर उसके यहां प्रषंसा करने वालों की कतार लगी हुई है। गांव की बिटिया के षिक्षा से गांव के अन्य बच्चे भी सीख लेकर मेधावी बनने का सपना सकार करते हुए का दावा करते हुए दिखे। हालांकि मेधावी बिटिया प्रानू त्रिपाठी ने बताया कि आगे चलकर सिविल की नौकरी करके समाज की सेवा करना है।
अनुज मौर्य रिपोर्ट