बिना तैयारी जानकारी के ही बीएसए साहब ने जारी कर दिया ये पत्र

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महराजगंज रायबरेली।
भुखमरी से भले ही लोग दम तोड़ दे,राष्ट्रीय आपदा घोषित होने क़े बावजूद एमडीएम का राशन विद्यालय में ही स्टोर रहेगा।
जी हां मानवता को शर्मसार करने वाली यह बात हम नही अपितु 30/03/2020 को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आनन्द प्रकाश शर्मा द्वारा समस्त खंड शिक्षा अधिकारी एवं विद्यालय प्रधानाध्यापक/इंचार्ज को जारी पत्र कह रहा।
बताते चले की जिला पंचायत राज अधिकारी उपेंद्र कुमार द्वारा निर्देशित किया गया की प्रधान एवं सचिव रसोइयों की मदद से विद्यालयों में भोजन बनवाए और लोगो को भूखा ना सोने दे। उसी पत्र का अवलोकन कर बीएसए रायबरेली ने भी समस्त बीईओ, प्रधानाध्यापक को निर्देशित कर कहा की प्रधान व सचिव जो भी राशन लावे उससे रसोइयों से भोजन बनवाया जाए। किन्तु एमडीएम क़े राशन को हाथ ना लगाया जाए।
उधर प्रधानों क़े ऊपर आफत आई है एक तो कोई भूखा ना सोए इसके लिए रसोइयों से भोजन बनवाए ऊपर से विद्यालयों क़े आइसोलेशन कक्ष में रुके लोगो क़े भी भोजन आदि का प्रबन्ध करे। लेकिन मद का अता पता नही अब अधिकारियों का आदेश है, मरता क्या ना करता वाली स्थिति से क्षेत्र क़े प्रधानो को दो चार होना पड़ रहा। प्रधानों का कहना है की एक दो दिन भोजन कराना हो तो अपने पास से संभव है किन्तु 15-20 दिन,25-30 लोगो का भोजन अपनी जेब से बनवाना कहा तक संभव है। राज्य व 14 वा वित्त का उपयोग भी खाना बनवाने क़े लिए संभव नही क्यूंकि उसमे पहले कार्य योजना और आईडी जैसे झाम है।
उधर प्रत्येक विद्यालयों में अवकाश होने क़े चलते एमडीएम राशन का भरपूर भंडारण है एवं अप्रैल में भी राशन की उठान होनी है। नाम ना छापने की शर्त पर प्रधानाध्यापको का कहना है की ऐसे समय में यदि एमडीएम का उपयोग हो जाए तो विद्यालय क़े गरीब नौनिहालों को तो भूखे रहने की नौबत नही आएगी, विद्यालय में रखे रखे राशन सड़ने व चोरी ही होने का ही खतरा है। किन्तु बीएसए का कोई आदेश नही जिसक़े चलते हम लोग मजबूर है। मामले में कोई भी खंड शिक्षा अधिकारी बोलने को तैयार नही। क्षेत्रीय प्रधानों ने जिलाधिकारी से अपील की है की गांव क़े विद्यालयों में रखा एमडीएम राशन,भुखमरी से लोगो क़े बचाव करने क़े उपयोग में कराया जाए।

अनुज मौर्य/अशोक यादव रिपोर्ट

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