बैंक पर किसान ने लगाया केसीसी नहीं बनाने का आरोप, शिकायत के बाद ऋण स्वीकृत

26

-केसीसी नहीं बनाने वाले बैंक मैनेजर के ख़िलाफ़ एफ़आइआर दर्ज कर जेल भेजा जाए- राजकुमार गुप्ता,

वाराणसी/ आज़मगढ़

उत्तर प्रदेश में किसानों के साथ बैंकों की ज्यादती किसी से छिपी नहीं है लेकिन कब तक अन्नदाता के साथ ऐसे ही चलेगा। ऐसा ही एक मामला आज़मगढ़ जिले के निवासी किसान कांग्रेस के ज़िलाध्यक्ष विरेंद्र यादव के पिता किसान शिवमुरत यादव का बैंक विगत छ: माह से केसीसी बनाने में आनाकानी हिलाहवाली करने पर वाराणसी जिले के सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता को अपनी समस्या बताया तत्पश्चात राजकुमार ने बैंक के ख़िलाफ़ प्रधानमंत्री सहित कृषि और वित्त मंत्रालय को पीजी पोर्टल पर शिकायत भेजी आरोप लगाया कि किसान शिवमुरत ने नसोपुर स्थित एक बैंक से केसीसी लोन के लिए फाइल अप्लाई की। बैंक मैनेजर ने उन्हें पहले ऋण देने की बात कहीं। इसके बाद उसने बैंक मैनेजर के कहने पर बैंक संबंधित सारे दस्तावेज तैयार करवा लिए।
वकील से भी पेपर वर्क करवा लिया। किसान का कहना है कि बैंक मैनेजर ने अप्रैल 2021 से लेकर गत मई तक ऋण देने के लिए धीरे-धीरे सारे दस्तावेज तैयार करवाते गए। आखिरी में उसे ऋण देने से मना कर दिया गया। इससे उसे खेती किसानी का भारी नुकसान हुआ। आरोप लगाया कि छह महीने बैंक के दस्तावेज तैयार करवाने के बाद उसे ऋण नहीं दिया गया। इतना ही नहीं ऋण न देने की वजह तक नहीं बताई। ऐसे में मजबूरी में उसने वाराणसी के सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार गुप्ता के सहयोग से बैंक के ख़िलाफ़ शिकायत भेजकर संबंधित बैंक अधिकारी पर कार्रवाई की मांग की। उसने बताया कि बैंक में 20 साल पुराना खाता धारक होने के साथ ही बैंक का कोई बकाया भी नहीं है। उसके बाद भी उसे ऋण नहीं दिया जा रहा था। अब उसे राजकुमार गुप्ता के ज़रिए न्याय मिला शिकायत के पश्चात पीड़ित किसान का ऋण स्वीकृत हुआ। राजकुमार गुप्ता ने बताया कि सरकार की मंशा किसानों को लाभ पहुंचाने की है और बैंकों के पास धन की कमी नहीं है। ऐसे में अगर कोई बैंक मैनेजर केसीसी बनाने से मना करता है तो उसके ख़िलाफ़ एफ़आइआर दर्ज कर जेल भेजा जाए।


राजकुमार गुप्ता रिपोर्ट

Previous articleश्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर ट्राली अनियंत्रित होकर पलटी
Next articleएसिड पीड़िता की मदद के लिए महराजगंज प्रेस क्लब व साई सेवा समिति ने पेश करी मानवता की मिशाल