भारतीय रेल और उत्पादन इकाइयों का निजीकरण-निगमीकरण नहीं होने देगा एआईआरएफ-एल एन पाठक

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लालगंज (रायबरेली)। भारत सरकार की निजीकरण और निगमीकरण की नीति के विरोध में जारी विरोध प्रदर्शन के तहत दिनांक 23 अक्टूबर को आल इंडिया रेलवेमेंस फैडरेशन के आह्वान पर समस्त भारतीय रेल के सभी 17 जोनल रेलवे और आठों उत्पादन इकाइयों में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया।फैडरेशन के आह्वान पर आधुनिक रेल डिब्बा कारखाना रायबरेली(एम सी एफ) में भी विरोध सभा करके निगमीकरण निजीकरण का विरोध किया गया।विरोध सभा में एआईआरएफ के जोनल सचिव और आरसीएफ मेंस यूनियन के महामंत्री कामरेड एल एन पाठक ने कहा कि रेल मंत्री एक तरफ तो कहते हैं भारतीय रेल का निजीकरण नहीं होगा।वहीं दूसरी तरफ लगातार निजीकरण निगमीकरण की पैरवी करते हैं।इससे सरकार का दोहरा चरित्र उजागर होता है,सरकार को टकराव से बचना चाहिए और रेल कर्मचारियों,भारतीय रेल और रेल के उपभोक्ताओं के हित में निजीकरण निगमीकरण की नीति पर पुनर्विचार करना चाहिए।रेल और रेल कर्मचारी हमेशा राष्ट्र की सेवा में लगे हैं।उन्होंने कहा कि एमसीएफ ने लगातार रिकार्ड उत्पादन करके सिर्फ भारत की ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की कंपनियों की नींद उड़ा दी है, ऐसे में इसका निगमीकरण करने के बारे में सोचना ही मूर्खतापूर्ण है।देश विदेश के तमाम उद्योगपति इस अनमोल धरोहर को हथियाकर पुनः हमें गुलाम बनाना चाहते हैं लेकिन हमेशा रेल और रेल कर्मचारियों के हक की लड़ाई लड़ने वाली आल इंडिया रेलवेमेंस फैडरेशन उनका ये सपना साकार नहीं होने देगा। अगर सरकार को सद्बुद्धि नहीं आती और वो अपनी गलत नीति को वापस नहीं लेती तो एआईआरएफ बहुत जल्द आर पार की लड़ाई के लिए रेल कर्मचारियों उनके परिवार और आम जनता को साथ लेकर सड़कों पर उतरेगी।कर्मचारियों को अभी से निर्णायक लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा। भारतीय रेल सेना के बाद इस देश की सेकेंड डिफैंस लाईन है ,इसके स्वरूप के साथ छेड़छाड़ राष्ट्र की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करना है।उन्होंने कहा कि निगमीकरण के खिलाफ एमसीएफ के कर्मचारियों ने जो बिगुल बजाया उसकी गूंज अंतर्राष्ट्रीय ट्रांसपोर्ट वर्कर फैडरेशन तक गई है और सभी ने यहां के कर्मचारियों के हौसले को सलाम किया है, विरोध के डर से रेल मंत्रालय निगमीकरण करने के लिए बनाई गई रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से डर रहा है। इसके पहले संयुक्त संघर्ष समिति के प्रवीन तिवारी ने कहा कि अच्छे उत्पादन के बाद भी एमसीएफ का निगमीकरण करना गलत है और इसे कर्मचारी बर्दाश्त नहीं करेंगे।समिति के कोषाध्यक्ष रूक्मकेश मीना ने सभा की समाप्ति धन्यवाद ज्ञापन से की और निगमीकरण के विरोध की लड़ाई में हमेशा साथ रहने का आश्वासन दिया।सभा का संचालन एमसीएफ बचाओ संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक कामरेड ऋतुराज शुक्ला ने किया।सभा में हरिकेश ,सुशील गुप्ता ,राकेश तिवारी,इंदर लाल मीना,आशीष श्रीवास्तव,बलिराम यादव,सुभाष मीना,राम बरन वर्मा,मुनेश पटेल, रोहित मिश्रा, विनोद यादव ,राकेश कुमार,रेनुका मिश्रा के साथ सैंकड़ों कर्मचारी उपस्थित हुए।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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