रायबरेली। सपा सरकार में शहर के मोटल चैराहे के निकट एक बेशकीमती भूखण्ड को लेकर चर्चा में आये डाक्टर नासिर एक बार फिर सुर्खियों में है। नियमों को ताक पर रखकर लिये गये बैनामे केआधार पर वह निर्माण कार्य करा रहे हैं। शहर के कहारों का अड्ड्ढडा निवासी तुफैल वारिस खां ने मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर डा. मो. नासिर पर अवैध कब्जे का आरोप लगाया है। शिकायती पत्र में तुफैल ने बताया कि वह चक अहमदपुर नजूल की गाटा संख्या-751, 752 व 753 का सहसंक्रमणीय भूमिधर है और संयुक्त रूप से काबिज व दाखिल है। शिकायतकर्ता ने बताया कि सहखातेदार गुलाम मोहिद्दीन द्वारा पुरानी भूखण्ड संख्या-1473 व 1474 में से रकबा 126.465 वर्ग मीटर का बैनामा 1976 में अब्दुल जब्बार व अब्दुल गफ्फार के नाम कर दिया था। इसमें तहसीलदार द्वारा उपरोक्त भूमि संख्या का नया नम्बर 753 के 126.465 वर्ग मीटर पर मोहिद्दीन का नाम खारिज कर अब्दुल जब्बार व अब्दुल गफ्फार का नाम अंकित कर दिया। अब्दुल गफ्फार से मिलकर डाक्टर नासिर ने खतौनी पर जो अमल दरामद करायी वह गलत है। पीड़ित ने बताया कि अब्दुल जब्बार से डा. नासिर ने कूटरचित बैनामा 2008 में लिखाया और नामान्तरण करा लिया। जबकि तहसीलदार द्वारा पारित आदेश में स्पष्ट नहीं है कि किस नम्बर से कितना रकबा दर्ज होना है। यह भी बताया गया कि अब्दुल जब्बार ने अपना मकान भी बैनामे की जमीन पर बना रखा है। तुफैल का आरोप है कि डाक्टर नासिर प्रार्थी की भूमि की चैहद्ड्ढदी दिखाकर कब्जा कर रहे हैं। जबकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है। पीड़ित ने मुख्यमंत्री से जांच और कार्यवाही की मांग की है। इस प्रकरण में तहसील प्रशासन द्वारा जांच भी की गयी। फिलहाल एक बार फिर डा. नासिर चर्चा में हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि सपा सरकार के दौरान विधायक पुत्रों से हुए एक विवाद को लेकर वह पहली बार चर्चा में आये थे।
मामले की जांच नायब तहसीलदार से करायी गयी है। नायब तहसीलदार छुट्टी पर हैं। रिपोर्ट अभी नहीं आयी है। रिपोर्ट आने के बाद न्यायोचित विधिक कार्यवाही की जाएगी।
प्रतीत त्रिपाठी, तहसीलदार सदर, रायबरेली।