ठेकेदार द्वारा इस सड़क पर दर्जनों बार कराया गया मरम्मत का कार्य फिर भी ना सुधर पाई सड़क ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर चलने को है मजबूर
नसीराबाद (रायबरेली)। विकास खंड छतोह का मार्ग बदहाली का आंसू बहा रहा है। इस सड़क पर जगह-जगह गड्ढे बन चुके हैं। यह पता नहीं चलता कि सड़क गड्ढे में है या गड्ढे में सड़क, जो जानलेवा साबित हो रहा है। इसके बावजूद भी जिम्मेदार आंखों में पट्टी बांधकर बैठे हुए हैं। जबकि इस सड़क पर कई बार कई बाइक सवार से लेकर राहगीर चुटहिल हो चुके हैं। विकास खंड छतोह क्षेत्र सबसे बड़ा क्षेत्र माना जाता है और इस क्षेत्र में कुल 44 ग्राम सभाएं हैं जिनमें से ज्यादातर ग्राम सभाएं इस सड़क के किनारे बसे हैं। यहां तक की सड़क से सटे कई प्राथमिक विद्यालय व प्राइवेट इंटरमीडिएट कॉलेज तथा इसी सड़क से जोड़ता हुआ अभी हाल ही में खुला प्राइवेट अस्पताल व डिग्री कॉलेज रमसापुर भी पड़ता है । इन विद्यालयों में पढ़ने के लिए इसी सड़क के रास्ते से हजारों की संख्या में छात्र और छात्राएं अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ने आती व जाती हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि अधिकारियों को कई बार शिकायती पत्र शोशल मीडिया के द्वारा सड़क मरम्मत करवाने की मांग की गई परंतु सड़क नहीं बनी अधिकारियों द्वारा ग्रामीणों के शिकायती पत्र को अनदेखी करते हुए कूड़ेदान में डाल दिया जिसके बाद ग्रामीणों ने सलोन क्षेत्र अमेठी सांसद व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को भी कई बार सड़क मरम्मत के लिए शिकायती पत्र देते हुए निवेदन किया फिर भी सड़क तस की जस है । सड़क मरम्मत ना होने से ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि इस बार विकास नहीं तो वोट नहीं आपको बता दें कि बहुमत में सरकार बनते ही सुबे के मुखिया महंत योगी आदित्यनाथ प्रदेश की कमान संभालते ही सख्त लफ्जों में हिदायत दिया था कि उत्तर प्रदेश की सभी सड़कें गड्ढा मुक्त होगी शुरुआती दौर में मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन भी देखे गया लेकिन जैसे-जैसे समय गुजरता गया वैसे वैसे सरकार के नौकर सा खानापूर्ति कर सरकार की छवि को धूमिल करने में लग गये बता दे कि आज जनपद से लेकर गांव गिराओ तक छोटी से लेकर बड़ी सड़कों तक गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं परंतु जिम्मेदार अपनी अपनी आंख और कान बंद कर गर्म ऐसी दफ्तर में आराम फरमा रहे हैं। यही हाल विकास खंड छतोह क्षेत्र के गांधीनगर से आने वाला मार्ग छतोह जायस परशदेपुर हाईवे राजमार्ग में जुड़ने वाला मार्ग अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है ग्रामीणों का कहना है कि इस बार हम सब ग्रामीण अपनी कमर कस ली है। इस बार विकास नहीं तो वोट नहीं का नारा रहेगा आपको बता दें कि इस सड़क पर आए दिन लगभग हजारों की संख्या में दो पहिया से लेकर 4 पहिया व ट्रक आती जाती है तथा रातों में वह भी वाहन गुजरते हैं जिनके परमिट नहीं रहते है जिससे यह सड़क और भी खराब हो चुकी है। यहां तक कि आने जाने वाले राहगीर भी अपनी जान जोखिम में डालकर इस सड़क पर आते जाते हैं। पिछले माह ही इस सड़क पर कई भारी वाहन फस चुके है जिसकी खबर बाकायदा प्रकाशित करते हुए शासन और प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है फिर भी विभाग के अधिकारी आंखों पर पट्टी बांधकर आराम फरमा रहे हैं ग्रामीणों ने कहा कि जब कोई बड़ा हादसा हो जाएगा तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ग्रामीण जमुना पांडेय, मकसूद अहमद, प्रदीप कुमार पांडेय, हीरालाल, रामप्रसाद उपाध्याय ,राम अभिलाष पासी, श्याम लाल पासी ,श्रीराम कोरी, हरिराम कोरी, राम आधार पासी, पितांबर पासी, रामजी कुमार, मोहन कोरी ,मालिक राम विश्वकर्मा ,दिनेश , रणजीत, छेदी लाल, मनमोहन पांडेय, रामू, सुदामा यादव ,बंसी लाल यादव, काशी तिवारी ,अवध तिवारी, किसना यादव, दिनेश सरमा, मनी तिवारी, लल्लू तिवारी, दिलबहार प्रधान प्रतिनिधि, प्रमोद, बांसुरी कोरी, विश्वनाथ कोरी, आदि लोगों को कहना है कि इस सड़क पर सपा सरकार से लेकर भाजपा सरकार में भी कई बार मरम्मत का कार्य किया गया परंतु सड़क नहीं सुधरी पर मरम्मत कार्य करवाने वाले ठेकेदार जरूर सुधर गए हैं। ठेकेदारों के घर आलीशान बंगले जैसे बन चुके हैं। ग्रामीणों ने कहा कि सरकार सड़क पर कार्य करने के लिए ठेका ठेकेदार को तो दे देती है पर यह बात को तनिक याद नहीं रखती कि ठेकेदार सड़क किस तरीके का बनाएगा जिसका खामियाजा हम ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा और इस तरह सड़कों पर अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है।
अनुज मौर्य/मुस्तकीम अहमद रिपोर्ट