महराजगंज (रायबरेली)। रविवार को क्षेत्र के श्याम राइस मिल पर हुए हादसे में एक मजदूर की जान जाने के मामले में प्रशासन द्वारा अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो सकी है। जबकि हादसे के पीछे मिल मालिक की लापरवाही साफ उजागर हो रही है। मृतक के भाई ने जहां चीख चीख कर साफ कहा कि मजदूरों द्वारा कई माह पहले ही टैंक की मरम्मत कराये जाने की बात कही गयी थी जिसे मिल मालिक द्वारा लगातार अनसुना किया जा रहा था और आखिरकार एक मजदूर को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। वहीं दूसरा मजदूर भी जिन्दगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है।
जानकारी के अनुसार महराजगंज-रायबरेली मार्ग पर स्थित श्याम राइस मिल पर रविवार को अचानक 28 टन चावल से भरा टैंक फट गया। टैंक पूरा भरा होने के बाद भी मिल चालू थी और मजदूरों को उसके नीचे लगे चैम्बर से चावल निकालने के लिए लगा दिया गया। मजदूरों द्वारा जहां एक ओर चावल निकाला जा रहा था। वहीं दूसरी ओर चालू मिल के कारण चावल टैंक में लगातार आ रहा था। टैंक पुराना होने के कारण एक दो जगह से अपनी पकड़ कम कर चुका था जिसकों लेकर कई बार मिल मालिक मुरारी से मजदूरों ने उसे दुरूस्त कराने की बात कही थी, परन्तु मिल मालिक द्वारा करा देगें का राग अलापा जा रहा है। रविवार को आखिरकार टैंक फट गया जिसके नीचे गोहन्ना थुलवासा निवासी अवधराम व भुजिहा मजरे पोखरनी निवासी बहादुर दब गये। टैंक फटने की आवाज पर पहुंचे मजदूरों ने बाहर टैंक के मलबे में फंसे बहादुर को निकाला जाने लगा तभी बहादुर ने अवधराम के दबे होने की बात कही और उसे निकालने के बाद टनों चावल के नीचे दबे अवधराम को घण्टों की मेहनत के बाद मृत अवस्था में निकाला जा सका। मामले में सोमवार को उपजिलाधिकारी शालिनी प्रभाकर ने घटना स्थल का निरीक्षण कर मिल मालिक की राइस मिल पर नोटिस चस्पा करा पूछताछ शुरू की। जिसके तहत चावल टैंक के रखरखाव आदि में कई खामियां सामने आयी। इस दौरान राइस मिल के कर्मियों का बयान भी एसडीएम ने दर्ज किया। एसडीएम शालिनी प्रभाकर ने बताया की घटना की न्यायिय जांच करायी जा रही जिसके तहत राइस मिलर को नोटिस द्वारा आदेशित कर दिया गया हैं की वह घटना से सम्बन्धित उपकरणों, साक्ष्यों, स्थल आदि के बारे में कोई छेड़छाड़ नहीं करेगे व जांच पूर्ण होने तक यथावत स्थिति बनाए रखेंगे। इस दौरान निर्देश का उल्लंघन करने व घटना के साक्ष्यों को नष्ट करने पर पूर्ण दोषी माने जाएंगे।
कौन करायेगा कैंसर पीडि़त बच्चे का इलाज व तीन बच्चों की परवरिस?
हादसे में अवधराम की मृत्यु के बाद अब उसके परिवार की देखभाल कौन करेगा। मृतक के भाई ने बताया कि बडे़ भाई की मृत्यु पहले ही हो चुकी थी, जिसकी लड़की सहित अपनी दो बेटियों व एक कैंसर पीडि़त पांच वर्षीय पुत्र का बोझ उठाये अवधराम किसी तरह गुजर बसर कर रहा था। उसके जाने के बाद अब उसके बच्चे भुखमरी की कगार पर हैं। आखिर अब इन बच्चों की परवरिस व इलाज कौन करायेगा?
अनुज मौर्य/अमित सिंह रिपोर्ट