रायबरेली। फुपुक्टा के आहवान पर प्रदेश भर के अशासकीय महाविद्यालय के प्राध्यापकों ने सामूहिक अवकाश पर रहते हुए अपनी मांगों के समर्थन में कालेज परिसर में प्रदर्शन किया। फीरोज गांधी कालेज, शिक्षक संघ के अध्यक्ष, डाॅ. बीडी मिश्र ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि संगठन की सभी 23 मांगों पर सरकार तुरन्त निर्णय ले नहीं तो संगठन को प्रदर्शन की आवृत्ति बढ़ाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। संघ के मंत्री संजय भारतीय ने मानदेय शिक्षकों के आमेलन एवं प्रोफेसर पदनाम देने का आदेश तत्काल प्रभाव से देने की मांग की। वरिष्ठ उपाध्यक्ष डाॅ. यूबी सिंह ने कहा कि शिक्षक हमेशा सहजता एवं शालीनता के साथ राष्ट्र निर्माण में तत्पर रहता है। उसके साथ सरकार का उपेक्षापूर्ण रवैया राष्ट्रीय हितों के लिए घातक है। उपाध्यक्ष डाॅ. शैलेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि शिक्षक हमेशा सार्थक हस्तक्षेप करता है। हम सब सापेक्षिक न्याय की मांग कर रहे हैं। सभी विभागों को राज्य सरकार सातवां वेतनमान दे चुकी है तो उच्च शिक्षा के शिक्षकों को अभी तक क्यों नहीं दिया? राज्य सरकार राज्यके लगभग 15 लाख कर्मचारियों को दो वर्ष पूर्व ही सातवां वेतनमान दे चुकी है जिस पर लगभग 25 हजार करोड़ का व्यय प्रति वर्ष आ रहा है। किन्तु उच्च शिक्षा के मात्र 7000 शिक्षकों पर लगभग एक हजार करोड़ का व्यय भार सहन नहीं कर पा रही है। जबकि चैदहवें वित्त आयोग के अन्तर्गत राज्य के अंश को 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 42 प्रतिशत किया जा चुका है। संयुक्त मंत्री डाॅ. अरविन्द सिंह, प्राचार्य डाॅ. आदेश कुमार, डाॅ. हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव, डाॅ. अनिल, डाॅ. नीलांशु, डाॅ. एके सिंह, डाॅ. सुभाषचन्द्र, डाॅ. लक्ष्मीकान्त, डाॅ. निरंजन सिंह, डाॅ. अभय सिंह आदि मौजूद रहे।