माता-पिता से बढ़कर कोई दौलत नहीं होती – रवीन्द्र विक्रम सिंह

63

प्रेरणादायक है उमराई यादव के विचार – दिनेश प्रताप सिंह

रायबरेली। स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी श्रीमती उमराई यादव की 48वीं पुण्य तिथि संकल्प दिवस के रूप में मनायी गयी।

सेन्ट्रल बार एसोसिएशन रायबरेली के तत्वाधान में सेन्ट्रल बार पुस्तकालय हाल में स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी श्रीमती उमराई यादव की 48वीं पुण्य तिथि संकल्प दिवस के रूप में मनायी गयी।

इस अवसर पर कार्यवाहक जिला जज रवीन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि माता-पिता से बढ़कर कोई दौलत नहीं होती, माता-पिता के आर्शीवाद से ही हम आगे बढ़ते हैं।

विधान परिषद सदस्य दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि उमराई यादव के विचार प्रेरणादायक हैं। मैंने भी अपने माता-पिता का मन्दिर बनवाया है, आज मैं जो कुछ भी हूँ, माता-पिता की कृपा से ही हूँ।

संकल्प दिवस में अपर जिला जज जैगमुद्दीन, हीरालाल, विजय पाल, राम दायल, विनोद कुमार बर्नवाल, सी.जे.एम. उदयवीर सिंह, सिविल जज मनोज उपाध्याय, ए.सी.जे.एम. मेराज अहमद, मयंक जायसवाल, जे.एम. ध्रुवेश सिंह यादव, दिनेश कुमार दिवाकर न्याय पालिका की ओर से उपस्थित रहे।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल शुक्ला ने कहा कि आज हमें उमराई यादव की स्मृति में पर्यायवरण संरक्षण हेतु कम से कम चार-चार वृक्ष लगाने चाहिए।
सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के महामन्त्री विजय कुमार बाजपेयी ने कहा कि स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी श्रीमती उमराई यादव के तीन पुत्र क्रमशः राम नरेश यादव, राम बहादुर यादव, ओ.पी. यादव व एक पुत्री राजकुमारी यादव सहित भरा पूरा परिवार है। परिवार के लोगों ने आज तक कभी कोई सरकारी सहायता नहीं ली है।

पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीशंकर बाजपेयी ने कहा कि ओ.पी. यादव के बाबा सद्धू प्रसाद यादव, दादी श्रीमती इंदिरा यादव 9 वर्षीय पिता बद्री प्रसाद यादव 6 जनवरी 1921 को किसान आन्दोलन में जेल भेजे गये थे। इसी मध्य उनकी पंडित जवाहर लाल नेहरू से नजदीकियाँ बढ़ी और 12 वर्ष की आयु में उमराई यादव वानर सेना में शामिल होकर इलाहाबाद में सत्यागृह किया और गिरफ्तारी दी।

पूर्व अध्यक्ष ओ.पी. सिंह ने कहा कि ओ.पी. यादव को संघर्ष विरासत में मिला है। अन्याय व जुल्म के खिलाफ संघर्ष करने के कारण 82 बार जेल जा चुके हैं।

पूर्व महामन्त्री हरिश्चन्द्र शर्मा ने कहा कि ओ.पी. यादव ने माँ की प्रेरणा से जब वह कक्षा-5 के छात्र थे, तब विद्यालय निर्माण को लेकर 1964 में आन्दोलन किया था।

कार्यक्रम में व्यापार मण्डल की ओर से बसन्त सिंह बग्गा, मुकेश रस्तोगी, कालिका सोनी, संजय पासी, गुड्डू बाजपेयी, समाजसेवी के रूप में अरशद खान, कमलेश चैधरी, नरेन्द्र बहादुर सिंह, अमरेश मौर्या, ओम प्रकाश तिवारी, शाकिब कुरैशी आदि लोगों ने उमराई यादव के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर पूर्व उपाध्यक्ष नईम सरवर, पूर्व महामन्त्री सुरेश चन्द्र यादव, शशि कुमार, ए.डी.जी.सी. विवेक सिंह, सुनील सिंह, अरूण साहू, मंजू मिश्रा, कोषाध्यक्ष सूर्यभान मौर्या, संयुक्त मन्त्री सत्य प्रकाश त्रिवेदी, शशिकान्त शुक्ला, राजेन्द्र यादव, प्रेमशंकर यादव, सी.एन. सिंह, राजेश यादव, पूर्व उपाध्यक्ष एस.एन. गुप्ता, जय सिंह यादव, एस.पी. सिंह आदि लोगों ने उमराई यादव के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता अतुल कुमार शुक्ला एवं संचालन विजय बाजपेयी ने किया।

अनुज मौर्य/अशोक यादव रिपोर्ट

Previous articleशादी का झांसा व यौन शोषण करना युवक का पड़ा भारी, युवक सहित तीन लोगों पर पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
Next articleनंद गोपाल नंदी ने लगाई चौपाल लोगों को दिलाया सदस्यता अभियान की शपथ