मुख्यमंत्री का आदेश केवल हवा हवाई हो रहा साबित, जिले में सभी क्षेत्र की सड़को की हालत बद से बदत्तर

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महराजगंज (रायबरेली)। एक तरफ भाजपा की योगी सरकार ने लोक निर्माण विभाग को सख्त निर्देश देते हुए सड़कों को 30 नवंबर तक गड्ढा मुक्त करने क़े निर्देश दिए है लेकिन निर्देशो का पालन करने क़े बजाए विभाग कुंभकर्ण की नींद सोया हुआ है। क्षेत्र की सड़कों को देखने पर यह लगता है कि यह सड़क है या गड्ढों का जाल। क्षेत्र में कुछ सड़क ऐसी भी हैं जिनके 10 से 15 वर्ष पूर्व बनने के बाद विभाग ने दोबारा रिपेयरिंग की तो बात छोड़िए दोबारा देखना तक भी गंवारा नहीं समझा। ऐसा ही एक मार्ग कुसिहा चौराहे से अमावा को आपस में जोड़ने वाली सड़क का है जो बनने के बाद आज भी विभागीय उपेक्षा का शिकार है।
अवलोकित हो कि पूर्व सदर विधायक स्व अखिलेश सिंह ने विधायक रहते हुए क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछाया था। जिससे सदर क्षेत्र व बछरावां विधानसभा क्षेत्र के लोगों को जिला मुख्यालय तक पहुंचने के लिए कम दूरी तय करनी पड़ती थी व समय की बचत होती थी। ऐसा ही क्षेत्र का एक मार्ग है खैरहना से अमांवा वाया रुकुनपुर बैखरा तथा कुसिहा चौराहे से अमांवा वाया रुकुनपुर जो बनने के बाद से ही अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। इन मार्गो पर विभाग ने खैरहना से बैखरा तक व कुसिहा से बैखरा बार्डर तक रिपेयरिंग कराईं और आगे रिपेयरिंग कराना सड़क बनाने के बाद से ही भूल गया। बैखरा के बाद रुकुनपुर पहुंचते ही गड्ढों का जाल शुरू हो जाता है उस पर कोढ़ में खाज का काम रुकुनपुर के ग्रामीणों ने कर रखा है। सड़क के किनारे बने घरों के नाबदान सड़क पर ही खोल रखे हैं जिससे सड़क पर बने गड्ढों में साल के तीन सौ पैंसठ दिन पानी भरा रहता है। सड़क पर हुए गड्ढों में पानी भरा होने से आये दिन लोगों के चोटिल होने से लोगों ने उधर से आना जाना ही बंद कर दिया। अब क्षेत्र के लोग 5 से 7 किलोमीटर घूम कर जाना पसंद करते हैं मगर इस मार्ग से नहीं। ग्रामीण बजरंगी सोनी, इम्तियाज अहमद, हसीन खां, मुन्ना, अनीश आदि ने बताया कि कई बार जनप्रतिनिधियों से लेकर विभागीय अधिकारियों तक शिकायत की गई लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

विकास विभाग की उदासीनता के कारण स्वचछ भारत मिशन की उड़ रही धज्जियां

एक तरफ सरकार स्वच्छ भारत मिशन पर पानी की तरह पैसा बहा रही है। लेकिन रुकुनपुर में घरों के नाबदान के पानी का साल के तीन सौ पैंसठ दिन सड़क पर भरा रहना विभागीय उदासीनता को उजागर करता है। विभाग ने न ही नालियां बनवाना उचित समझा और न ही चोक हुई पाईप की सफाई करवाना। मामले में खंड विकास अधिकारी से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका।

अनुज मौर्य/अशोक यादव रिपोर्ट

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