रायबरेली। गुणवत्ता का हवा-हवाई दावा करने वाले मौजी रेस्टोरेंट की पोल जिला अभिहित अधिकारी शशांक त्रिपाठी के छापे में खुल गई। सिविल लाइन के मुख्य चौराहे पर होने का फायदा उठाकर आम रेस्टोरेंट की अपेक्षा वस्तु का सर्वाधिक दाम वसूलने वाले इस रेस्टोरेंट के मालिक को उस वक्त तगड़ा झटका लग गया जब जिला अभिहित अधिकारी ने 14 दिन तक इस रेस्टोरेंट को बंद रखने का आदेश जारी कर दिया। महाकुंभ होने के चलते उम्मीद की जा रही थी कि कुंभ में जाने वाले श्रद्धालु इस रेस्टोरेंट पर रुकेंगे और इसकी बिक्री दोगुनी हो जाएगी। रेस्टोरेंट संचालक कि इस उम्मीद पर न केवल पानी फिर गया बल्कि सामान की गुणवत्ता का झूठा ढिंढोरा पीटने की पोल भी खुल गई।
जानकारी के अनुसार 15 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ को लेकर जिला प्रशासन इन दिनों काफी सक्रिय है। कुंभ को जाने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो इसके पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। यही नहीं शहर के स्वरूप में भी हाईवे के आसपास बदलाव किया गया है ताकि कुंभ में जाने वाले श्रद्धालु रायबरेली की अच्छी व्यवस्था की प्रशंसा करें। इस दौरान यह भी ध्यान रखा जा रहा है कि हाईवे के किनारे जो भी होटल और रेस्टोरेंट है उसमें गुणवत्ता और मानकों का पूरा ध्यान रखा जाए ताकि सुदूर क्षेत्रों से आने वाले श्रद्धालु रायबरेली के किसी भी रेस्टोरेंट पर उंगली न उठा सके और न ही उनके पीछे संदेश जाए कि रायबरेली का खाद्य विभाग उदासीन है जिसके चलते रेस्टोरेंट होटलों ढाबों पर घटिया गुणवत्ताविहीन नाश्ता, भोजन आदि सामान मिलता है। इन्हीं सब व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखने के लिए जिला अभिहित अधिकारी शशांक त्रिपाठी के नेतृत्व में खाद्य विभाग की टीम निकली और सिविल लाइन के नामचीन मौजी रेस्टोरेंट पर छापा मार दिया। रेस्टोरेंट के अंदर अधिकारी पहुंचे तो अवाक रह गए। मौके पर जहां उन्हें बासी पनीर मिला वहीं रसोई में रखे पकवान पर चूहे घूमते नजर आए। जिला अभिहित अधिकारी ने टोमेटो सास के बारे में जब सवाल पूछा तो रेस्टोरेंट संचालक बगले झांकते नजर आए। तमाम खामियां मिलने के कारण जिला अभिहित अधिकारी शशांक त्रिपाठी ने इस रेस्टोरेंट के संचालन पर रोक लगाते हुए 14 दिनों तक बंद करने के आदेश जारी कर दिए। उनके इस आदेश के बाद रेस्टोरेंट मालिक में हड़कंप मच गया। शशांक त्रिपाठी ने बताया की खामियां मिलने पर रेस्टोरेंट को 14 दिन के लिए बंद करने का आदेश दिया गया है। बताया जा रहा है कि व्यापारिक संगठनों के सहारे कुंभ के मद्देनजर होने वाली कमाई को देखते हुए रेस्टोरेंट संचालक जिला प्रशासन से जुगाड़ लगाने में जुट गया है। फिलहाल खाद्य विभाग और जिला प्रशासन कुम्भ को लेकर गुणवत्ता से किसी भी मामले में समझौता करने के मूड में नहीं दिख रहा है।
अजीत कुमार बारी की रिपोर्ट