योगी जी सरकार के कैबिनेट मंत्री के आदेश को भी नही मानते जिले के जिम्मेदार अधिकारी

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बदहाल सड़कों से निकलना हुआ मुश्किल

जगतपुर रायबरेली – ब्लॉक क्षेत्र में सड़कें बदहाल है। कहीं-कहीं तो इतनी ज्यादा खराब है कि लोगों को पैदल निकलना भी मुश्किल है। रायबरेली सदियों से वीआईपी जिला कहां जाता है। वर्तमान में कस्बे की हालत गांवों से बदतर हो चुकी है। कस्बे की सड़कें कीचड़ और गंदे पानी से सराबोर है। ऐसे में सड़कों पर आवागमन भी काफी मुश्किल हो गया है। समस्या के निदान के बजाय माननीय बेफिक्र नजर आ रहे हैं। रायबरेली जिले की चाहे रेलवे स्टेशन रोड हो या जगतपुर कस्बे की सलोन मार्ग इस कदर जर्जर हो रखी है कि सड़कें मौत को दावत दे रही है। आए दिन हादसे होते रहते हैं। लेकिन इस तरफ न तो किसी जनप्रतिनिधि का ध्यान जाता है।

और न ही किसी जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी का। विकास की गंगा बहाने वाले भी कुंभकरणी की नींद में रायबरेली जिले की सांसद यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी तो प्रभारी मंत्री डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा है। उसके बावजूद जगतपुर कस्बे सलोन मार्ग की सड़कों का यह हाल होना जनप्रतिनिधियों के कार्यशैली पर सवाल उठता है। जनता की समस्याओं से यह जनप्रतिनिधियों का कोई सरोकार नहीं है। जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गड्ढा मुक्त प्रदेश बनाने का संकल्प लिया था। सुभाष चंद्र अधिशासी अभियंता लोक निर्माण बजट की कमी से दूर नहीं हो पा रही समस्या बदहाल सड़कों की मरम्मत के लिए बजट नहीं मिला है। बजट मिलते ही सड़कों की मरम्मत कराई जाएगी। बोले लोग अफसर नहीं दे रहे ध्यान प्रदेश सरकार ने भले ही सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का फरमान जारी किया है। लेकिन यहां के अधिकारियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है। ग्रामीण में प्रदीप मौर्य ,अनिल बाजपेई, विजय, सुनील सिंह, डॉ राघवेंद्र शुक्ल, राजेश अग्रहरि, राकेश सिंह, रामबक्स ने बताया है कि सड़कों की हालत बद से बदतर है। इन से निकलना जानलेवा साबित हो रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत रात में आने जाने वाले लोगों को होती है। बच्चों बुजुर्गों को भी निकलने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। वही इसको लेकर कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद ने जिलाधिकारी को अपने पत्र के माध्यम से अवगत कराया भी था जिसके बाद जिलाधिकारी ने सम्बंधित विभाग के अधिकारी को इस मामले को लेकर निर्देशित भी किया था लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने न जिलाधिकारी की बात पर ध्यान दिया न ही कैबिनेट मंत्री के आदेश को ही माना।अब देखने वाली बात ये होगी इस मामले अधिकारियों द्वारा क्या कार्यवाही करी जाती है ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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