लालगंज (रायबरेली)। आल्हा व लोकगीत महोत्सव में कलाकारो ने एक से बढकर एक प्रस्तुति देकर आमजनमानस को मंत्रमुग्ध कर दिया। वही आल्हा व लोकगीत गायको ने लोकविधा को संरक्षित करने पर बल दिया। कस्बे के मंडी समिति परिसर मे क्षेत्र ही नही दूर दराज के आल्हा व लोकगीत कलाकारों ने जमकर अपनी कला का जौहर दिखाया है। आल्हा एवं लोक गीत कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला सहकारी बैंक उन्नाव के चेयरमैन मदन मिश्रा ने किया। चेयरमैन मदन मिश्रा ने कहा कि विलुप्त हो रही संस्कृति के लिये आल्हा महोत्सव व लोकगीत कार्यक्रम समाज जीवन के लिये बहुत ही जरूरी है। उन्होने कलाकारो को भी साधुवाद देते हुये कहा कि उन्ही की वजह से आल्हा व लोकगीत जैैसी विधायें आज भी जीवंत है। वहीं आल्हा की प्रस्तुति करते हुये रायबरेली के राज कुमार यादव ने चन्द्रावल की चैथी गाकर लोगो को मंत्र मुग्ध कर दिया। अल्का बाजपेयी ने माडव की लडाई गाकर लोगो को भाव विभोर कर दिया। फतेहपुर के रामदास के नौलखा हार की लडाई का गायन सुनकर लोगो ने खूब तालियां बजायी। कन्हैया लाल यादव ने कृष्ण जन्म की प्रस्तुति कर लोगो का मनमोह लिया। इसके साथ ही अमेठी की लोकगायिका नीलम सिंह ने कजरी गीत कोयल बिन बगिया न सोहे राजा प्रस्तुत कर लोगो को नाचने गाने पर मजबूर कर दिया।इसके साथ ही ओंकार नाथ अवस्थी,रामप्रताप आदि ने भी आल्हा की जोरदार प्रस्तुति की। कार्यक्रम के दौरान राजकुमार, रामप्रताप सहित अन्य आल्हा गायको को सम्मान पत्र व नकद धनराषि देकर पुरूस्कृत भी किया।