रायबरेली। धर्म और आस्था के नाम पर जमीनी विवाद को हवा देने के मामले को आखिरकार जिला प्रशासन ने संजीदगी से ले लिया है। रविवार को एक पक्ष द्वारा जमीन पर किये गये हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद दूसरे पक्ष की शिकायत पर शहर के नये एसडीएम टे्रनी आईएएस शशांक त्रिपाठी, सीओ सिटी शेषमणि उपाध्याय के साथ मौके पर पहुंचे और जमीन का मुआयना किया। भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे दोनों अधिकारियों ने पूरे प्लॉट को देखा और वीडियोग्राफी करायी। नये एसडीएम आईएएस शशांक त्रिपाठी ने दोनों पक्षों को पुलिस बल के माध्यम से मौके पर बुलाया। एसडीएम के बुलावे पर बीते करीब दो सप्ताह से धर्म का ढिंढोरा पीटने वाले लोगों में से कोई भी मौकेपर नहीं पहुंचा। जबकि जमीन के खेवटधारक ईश्वर दयाल श्रीवास्तव अपने कागजों के साथ प्लॉट पर पहुंचे और एसडीएम को पूरे मामले से अवगत कराया। सीओ सिटी ने सख्त निर्देश दिये कि यदि किसी ने भी धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश की तो उसके विरूद्ध सख्ती से निपटा जाएगा।
गौरतलब है कि शहर कोतवाली क्षेत्र के चक बहादुरपुर स्थित भूमि संख्या-30 को लेकर बीते करीब दो सप्ताह से विवाद चल रहा है। इस जमीन पर ईश्वर दयाल श्रीवास्तव अपना दावा पेश कर रहे हैं क्योंकि उनका नाम खेवट में दर्ज है जबकि दूसरे पक्ष से अवधेश कुमार त्रिपाठी आदि यह जमीन सुरजूपुर के प्राचीन हनुमान मन्दिर को दान में दी गई बता रहे हैं। वर्षों से ऊबड़-खाबड़ पड़ी यह जमीन उस वक्त चर्चा में आई जब अभिलेखीय आधार पर मालिकाना हक रखने वाले ईश्वर दयाल श्रीवास्तव ने इसका समतलीकरण शुरू कराया। इसके बाद प्रदर्शन और ज्ञापन का दौर शुरू हो गया। पहली बार निवर्तमान एसडीएम सदर प्रदीप कुमार वर्मा काम बन्द कराकर दोनों पक्षों को 10 दिन में अभिलेख उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। ईश्वर दयाल की ओर से अभिलेख उपलब्ध कराये गये जबकि दूसरे पक्ष से कोई अभिलेख नहीं दिये गये। तहसील प्रशासन ने अभिलेखों के अनुसार ईश्वर दयाल का स्वामित्व पाया। इसके बाद ईश्वर दयाल ने प्लॉट पर काम लगवा दिया जिसे फिर रोकवाया गया। मन्दिर और धार्मिक भावनाओं का हवाला देकर दूसरे पक्ष ने एडीएम प्रशासन राम अभिलाष से मोहलत मांगी। राम अभिलाष और निवर्तमान एसडीएम ने आपस में सलाह करके दोनों पक्षों को 15 दिन का समय दिया। इसी बीच हिन्दू युवा वाहिनी ने सोशल मीडिया पर तमाम तरह से प्रचार करना शुरू कर दिया। ईश्वर दयाल ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर रविवार को हिन्दू युवा वाहिनी की स्थानीय इकाई द्वारा धार्मिक उन्माद फैलाने की शिकायत की है। ईश्वर दयाल का कहना है कि उनकी भूमिधरी जमीन पर हिन्दू युवा वाहिनी के लोगों ने जबरन झण्डे गाड़े और मूर्ति स्थापना का प्रयास किया जो पुलिस के हस्तक्षेप के बाद सफल नहीं हो सका। सोशल मीडिया पर लगातार जमीन को लेकर धार्मिक अपील की जा रही है। बुधवार से शुरू हो रहे नवरात्रि को देखते हुए जिला प्रशासन ने प्रकरण को गंभीरता से ले लिया है। नवागन्तुक सदर एसडीएम शशांक त्रिपाठी, शहर क्षेत्राधिकारी शेषमणि उपाध्याय के साथ डीएम के निर्देश पर विवादित स्थल पर पहुंचे। भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे एसडीएम ने मौका मुआयना किया और दोनों पक्षों को बुलाया, जिसमें केवल ईश्वर दयाल ही अपने कागज लेकर प्लॉट पर उपस्थित हुए। एसडीएम ने पुलिस को निर्देश दिये हैं कि इस विवादित स्थल पर किसी भी प्रकार का कोई ऐसा कार्य न हो जिससे शहर की कानून व्यवस्था बिगड़े या जो कानून के खिलाफ हो। उन्होंने दोनों पक्षों को आज सुबह 10 बजे अपने कार्यालय बुलाया है।