विधान सभा में उठेगा प्रेरकों का मामला: अदिति सिंह

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रायबरेली। राष्ट्रीय साक्षरताकर्मी महासंघ के आहवान पर मंगलवार को संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने सदर विधायक अदिति सिंह से मिलकर प्रेरकों की समस्याओं से सम्बंधित अपना मांग पत्र सौंपा। जिसमें उन्होंने सम्मानजनक मानदेय के साथ प्रेरकों की सेवा बहाली और बकाया मानदेय भुगतान पर विधानसभा में सदन का ध्यानाकर्षण कराने का आग्रह किया। वार्ता के दौरान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अकमल खान व प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार सिंह ने विधायक को बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से संचालित साक्षर भारत मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर पर मात्र 2000 मानदेय की दर से प्रेरक व ब्लाक, जनपद तथा प्रदेश स्तर पर समन्वयकों की पूर्णकालिक संविदाकर्मी के रूप में नियुक्ति हुई थी। वर्ष 2009 से यह लोग 15 वर्ष वर्ग के असाक्षरों को साक्षर करने के साथ विधिक साक्षरता, वित्तीय साक्षरता, चुनावी साक्षरता, आपदा प्रबंधन, पोलियो ड्यूटी और राज्य तथा केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का प्रचार-प्रसार ग्राम पंचायत स्तर पर करते रहे हैं। किंतु भाजपा सरकार ने हम लोगों को 40 महीने से मानदेय नहीं दिया है और एक अप्रैल से राज्य सरकार द्वारा सभी की सेवाएं भी रोक दी गई। जिससे प्रदेश के सवा लाख साक्षरता कर्मी इस समय बेरोजगार चल रहे हैं। उन्होंने सदर विधायक से मामले को विधान सभा में उठाए जाने की पुरजोर मांग की। बातचीत में अदिति सिंह ने आश्वस्त किया कि वह आगामी 23 अगस्त से शुरू हो रहे मानसून सत्र के दौरान संपूर्ण उत्तर प्रदेश के प्रेरकों की उक्त समस्याओं को सदन में हर हाल में उठाएंगी। इस अवसर पर से संगठन के जिला वरिष्ठ उपाध्यक्ष पारसनाथ मिश्रा, संयुक्त मंत्री मिथिलेश, ब्लाक अध्यक्ष शिवबहादुर, राम सिंह यादव, धीरेन्द्र कुमार, रूद्र प्रताप आदि उपस्थित रहे।

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